एसडीएम ज्योति मौर्य का मामला पूरे देश में वायरल हो रहा है. अब इस तरह के और भी केस सामने आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के देवास से सामने आया है. लेकिन, इस मामले में उल्टा है. इस केस में पत्नी ने पति को पढ़ाने के लिए सबकुछ किया. और, फिर जब पति अधिकारी बन गया तो पत्नी को छोड़कर चल गया. पत्नी, पति के लिए घरों में काम करने वाली नौकरानी बनी, कंडेक्टरी भी की, उसके बावजूद पति बेवफा निकला. महिला ने बताया कि छोटी-मोटी लड़ाई के बाद पति ने अब उसे छोड़ दिया है. वह अब न्याय चाहती है.
गौरतलब है कि देवास जिले के बागली क्षेत्र में रहने वाली ममता बाई परेशान हैं. उन्होंने बताया कि अपने पहले पति की मौत के बाद उसकी दोस्ती अलीराजपुर के जोबट में रहने वाले कमरू पिता नरसिंह से हुई. दोनों तीन साल तक लिव इन रिलेशनशिप में भी रहे. उस दौरान कमरू इंदौर में पीएससी की तैयारी कर रहा था. महिला ने बताया कि कमरू की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी. ममता ने अपने रुपयों से उसे पढ़ाया. ममता बाई ने बताया कि कमरू को पढ़ाने के लिए मैंने घर-घर नौकरी की, फिर बस कंडेक्टरी कर पैसे जमा किए. इन रुपयों से कमरू पढ़ाई करता था.
ममता ने बताया इसके बाद जैसे ही कमरू का पीएससी में सिलेक्शन हुआ, वैसे ही उसकी नियत बदल गई. कोर्ट मैरिज करने के बाद भी कमरू ने ममता को साथ रखने से मना कर दिया. अब इन दोनों का केस बागली न्यायालय में चल रहा है. ममता ने बताया कि कमरू को उसे हर महीने 12 हजार रुपये देने हैं, लेकिन उसने लंबे समय से ये रुपये भी नहीं दिए. ये प्रकरण कुछ समय पुराना है. दोनों 2017 से 2019 तक लिव इन में रहे. पुरुष के महिला को छोड़ने के बाद प्रकरण 2021 में सामने आया. इस केस में पति कमरू से कहा गया उसे महिला को रहने, खाने पीने की व्यवस्था के लिए ममता को रुपये देने होंगे. उसके बाद यह सिलसिला अभी तक चला आ रहा है.
हालांकि, मामला बागली न्यायालय में अब भी विचाराधीन है. उस वक्त महिला व बाल विकास की टीम ने कमरू और उनके परिवार के सदस्य का ममता से समझौता करवाया था. जानकारी के अनुसार दोनों धार में रहा करते थे. अब महिला अपनी मां के साथ रहती है. महिला का 15 वर्षीय बच्चा भी था जो किसी बीमारी के चलते मर चुका है.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.