बिहार राज्य पूर्व सैनिक संघ के प्रयास से सैनिक परिवार से जुड़े जिले के तीन आश्रितों को वर्षों बाद पेंशन का लाभ मिलने जा रहा है. इस खुशी में संघ की ओर से मुंडेश्वरी हॉस्पिटल स्थित जिला कार्यालय के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जहां समाजसेवियों व मीडियाकर्मियों को संघ के निदेशक डॉ. मेजर पीके पांडेय ने अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सूबेदार हरेंद्र तिवारी तथा संचालन विद्यासागर चौबे ने की. इस दौरान लगभग 200 से अधिक पूर्व सैनिक एवं वीरांगनाएं उपस्थित रहीं.
संघ के निदेशक डॉ. मेजर पी.के पांडेय ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि शीघ्र ही बक्सर में सैनिक स्कूल खोला जाएगा, जिसमें सैनिकों के बच्चों को विशेष छूट दी जाएगी. उन्होंने बताया कि संघ के सार्थक प्रयासों का नतीजा है कि कई आश्रितों की रुकी हुई पेंशन उन्हें सालों बाद वापस मिल रही है. मौके पर उपस्थित तीन पीड़ित आश्रित नेत्रहीन कमलेश को वर्ष 2014 के बाद, पूर्व सैनिक कपिल मुनि सिंह को 30 वर्ष बाद और वीर नारी कल्पना देवी को 22 साल बाद संघ की पहल पर पेंशन मिलने जा रही है.
संघ के उपाध्यक्ष विद्यासागर चौबे ने बताया कि पूर्व सैनिक संघ की मदद से बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के हेठुआ राजपुर गांव निवासी पूर्व सैनिक स्व. सिद्धनाथ चौबे के नेत्रहीन पुत्र कमलेश चौबे को भी अब पेंशन का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि ट्रेन में भीख मांग रहे कमलेश से जब उनकी बात हुई तो उसने बताया कि वह अनाथ है. उसके माता-पिता गुजर चुके हैं और वह एक फौजी का नेत्रहीन बेटा है. वहीं आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण ट्रेनों में भीख मांग का गुजर-बसर करता आ रहा था. भीख मांगने के दौरान लोगों के ताने सुनने से वह इतना परेशान हो गया कि आत्मदाह करने की सोच ली थी.
इसकी जानकारी सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष हरेंद्र तिवारी को दी गई. जिसके बाद संघ के लोगों ने उसे रोका और प्रधान नियंत्रक से बातचीत कराकर 6 माह में पेंशन की प्रक्रिया पूरी कराई. जिसके बाद कमलेश ने आत्महत्या का फैसला बदल दिया.
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