राजस्थान के बीकानेर शहर में 20 साल पहले जमीन के विवाद में जीप से कुचलकर की गई युवक प्रभुत्व शर्मा हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. बीकानेर के अपर न्यायाधीश क्रम संख्या चार ने मंगलवार को प्रभुत्व शर्मा की हत्या के मामले में 12 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में 19 गवाहों के बयान कराए गए और इससे जुड़े 32 दस्तावेज पेश किए गए. गवाहों के बयान और सुनवाई के बाद कोर्ट ने 11 लोगों को प्रभुत्व शर्मा की हत्या का दोषी करार देते हुए उनको उम्रकैद की सजा सुनाई है.
बीकानेर एडीजे कोर्ट संख्या चार के न्यायाधीश मुकेश सोनी ने यह फैसला सुनाया है. इस मामले में एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यह हत्याकांड बीकानेर के नयाशहर थाना इलाके में बंगलानगर क्षेत्र में वर्ष 2002 में हुआ था. 2 अगस्त 2002 को परिवादी शेरसिंह ने नया शहर थाने में इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसमें अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह घर पर बैठा था. उसी दौरान आरोपियों ने उसके घर के सामने बाड़े पर कब्जे का प्रयास किया.
उसने उनको रोकने का प्रयास किया तो आरोपियों ने मारपीट शुरू कर दी. उसके बाद आरोपी वहां से चले गए. शेर सिंह ने अपनी रिपोर्ट में आगे बताया कि करीब दो घंटे बाद आरोपी फिर वहां आए. उन्होंने आते ही उससे और उसके साथियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान आरोपियों ने उसके दोस्त प्रभुत्व शर्मा को जीप से कुचलकर उसकी हत्या कर दी.
पूरे मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में गोविंदराम, रामचन्द्र, हेतराम, सुमन प्रकाश, धर्माराम, हरिराम, सहीराम फौजी, आशाराम उर्फ आशुराम, प्रेमचंद, विजयपाल, कैलाश पारीक और श्रवण राम को हत्या का दोषी माना. कोर्ट ने अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 302 के तहत अधिकतम उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं शिवलाल को बरी कर दिया गया है.
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