किसी भी बड़े पद पर बैठने के बाद हर व्यक्ति अपने बच्चों की शुरुआती शिक्षा के लिए शहर या राज्य के नामी स्कूल का चयन करता है या उन्हे किसी बोर्डिंग स्कूल में उसका एडमिशन करवाने की कोशिश करता है . लेकिन हरियाणा में रेवाड़ी के डीसी मोहम्मद इमरान रजा की राय इससे पूरी तरह अलग है. डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने समाज और उच्च पद पर बैठे अधिकारियों के लिए एक मिसाल पेश करते हुए न केवल अपनी बेटी का आंगनबाड़ी केन्द्र के प्ले स्कूल में एडमिशन करवाया है, बल्कि बेटी को आंगनवाड़ी केन्द्र में पढ़ने के लिए खुद छोड़ने भी जाते है.
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने गुरुग्राम के झाड़सा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के प्ले वे स्कूल में अपनी बेटी का एडमिशन कराया है. डीसी रजा की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है. मोहम्मद इमरान रजा रेवाड़ी डीसी नियुक्त होने से पहले गुरुग्राम के मानेसर में नगर निगम के कमिश्नर रह चुके है. उनकी पत्नी गुरुग्राम में ही रहती है. इसलिए बेटी की शुरुआती शिक्षा उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्र के प्ले स्कूल से कराने का निर्णय लिया है.
रेवाड़ी के उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा और उनकी पत्नी डॉ़ सदफ माजिद ने झाड़सा के आंगनबाड़ी केंद्र के प्ले स्कूल में अपनी बेटी का एडमिशन कराकर यह प्रेरणा दी है. उनकी तीन साल की बेटी यहां अन्य बच्चों के साथ घुल मिलकर जिंदगी का पाठ पढ़ रही है. अपने इसी फैसले को लेकर डीसी मोहम्मद इमरान रजा सुर्खियों में हैं . उनका ये फैसला कोई सरकार योजना या सरकारी फरमान नहीं है बल्कि अपनी बेटी की ज़िंदगी को लेकर है. डीसी रजा ने अपनी बेटी का गुरुग्राम में आंगनबाड़ी केन्द्र के प्ले स्कूल में एडमिशन करवा कर मिसाल पेश की है.
मोहम्मद इमरान रजा ने गुरुग्राम के झाड़सा स्थित आंगनबाड़ी केंद्र के प्ले वे स्कूल में अपनी बेटी का एडमिशन कराया है. उनकी इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है. लोगों की सोच होती है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई नहीं होती जिस वजह से लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं. अक्सर आंगनबाड़ी केंद्रों में वही बच्चे आते हैं जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से काफी कमजोर होते हैं. ऐसे में जिस तरह से डीसी ने अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी केंद्र में भेजा है इससे समाज में एक अच्छा संदेश भी गया है.सब डीसी रजा के इस फैसले की जमकर तारीफ कर रहे हैं.
मोहम्मद इमरान रजा डीसी नियुक्त होने से पहले गुरुग्राम के मानेसर में नगर निगम के कमिश्नर रह चुके हैं. उनकी पत्नी गुरुग्राम में ही रहती हैं. आज के समय में जब अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन किसी बड़े प्ले स्कूल में कराते हैं. ऐसे समय में रेवाड़ी के डीसी इमरान रजा ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी आंगनवाड़ी केंद्र में कराकर एक सराहनीय पहल की है. उनकी इस पहल से न केवल आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है बल्कि यह उन लोगों के लिए सीख होगी जो सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों को कम आंकते हैं.
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