राजधानी में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर आने के बाद बाढ़ जैसे हालातों के बीच राजनीति भी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर हथिनी कुंड बैराज से बेतहाशा पानी छोड़े जाने के लिए जिम्मेदार ठहराया. केंद्र सरकार का इसपर कहना है कि बैराज की अपनी एक क्षमता है. वो कोई बांध नहीं है. एक सीमा के बाद वहां भी पाना छोड़ना मजबूरी बन जाता है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को स्वीकार किया कि ऐसा कोई जलाशय नहीं है जहां पानी को ऊपर की ओर संग्रहित किया जा सके और इसलिए पानी छोड़ना होगा. सीएम ने कहा आज शाम तक पानी नीचे उतरना शुरू हो जाएगा. यमुना का पानी रिंग रोड पर आ गया है. कश्मीरी गेट और आईटीओ के बीच पानी सड़क पर नजर आ रहा है. दिल्ली के निचले इलाके पानी में डूब चुके हैं. यमुना का जल स्तर रिकॉर्ड 208.5 मीटर तक पहुंच गया है. अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. उन्होंने अनुरोध किया था कि पानी को थोड़ा धीमी गति से हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा जाए. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की दरख्वास्त की थी.
हरियाणा पर इसकी जिम्मेदारी डालते हुए दिल्ली के सीएम ने कहा था कि उनकी गलती से दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. इसके बाद जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने अरविंद केजरीवाल को फोन मिलाकर उन्हें बताया था कि हिमाचल ने अब हरियाणा को यमुना में ज्यादा पानी नहीं छोड़ा है. ऐसे में आगे वाले वक्त में दिल्ली में कम पानी छोड़ा जाएगा. उन्होंने साथ ही दिल्ली के सीएम को यह भी कहा कि हथिनी कुंड बैराज कोई बांध नहीं है, जहां पानी को रोक कर रखा जा सके. गुरुवार तड़के तक 1.56 लाख क्यूसिक मीटर पानी यमुना में छोड़ा गया था. सुबह नौ बजे फिर 1.63 लाख क्यूसिक मीटर पानी हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया.
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