सरमथुरा उपखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में ड्यूटी पर तैनात चिकित्साकर्मियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।पीएचसी में मंगलवार को क्षेत्र के गांव डोमपुरा की एक महिला कविता जाटव को डिलेवरी के लिए सुबह करीब 9 बजे भर्ती कराया गया था। जिसने करीब 11 बजे बच्चे को जन्म दिया। लेकिन बुधवार को अस्पताल की जब छुट्टी हुई तो अस्पताल के अंदर जच्चा बच्चा एवं जच्चा की मां थी। दोपहर दो बजे अस्पताल का पूरा स्टाफ बाहर से गेट का ताला बंद कर गायब हो गया। कुछ देर बात जब अस्पताल में प्रसूता का बीपी बढ़ने पर जब जच्चा की मां डॉक्टर को देखने के लिये बाहर निकली तो देखा कि गेट का ताला बाहर से बंद है और अस्पताल के अंदर कोई नही है। जिसे लेकर महिला ने काफी आवाज लगाई लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही था। जिसे लेकर वह काफी परेशान थी। वह गेट से लगातार नजर बनाए रही कि कोई अस्पताल के बाहर देखे।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर प्रसूता अपनी सास के साथ काफी घंटों तक गेटों पर खड़ी रही। तभी कुछ ग्रामीण अस्पताल के पास से निकले तो प्रसूता की सास ने अस्पताल के अंदर से आवाज लगाई, जिस पर अस्पताल के पास से गुजर रहे ग्रामीणों ने देखा तो गेट का बाहर से ताला लगा हुआ था। घटना की सूचना पर बड़ा गांव सरपंच प्रतिनिधि रवि मीणा भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने बाहर से दोनों महिलाओं को आश्वस्त किया। करीब 1 घंटे बाद पीएससी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा ताला खोला और उन्हें बाहर निकाला गया। घटना के बाद ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर धौलपुर से उच्चाधिकारियों की टीम ने बड़ागांव अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि इस प्रकरण में जो भी चिकित्साकर्मी दोषी होगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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