बालाघाट के रामपायली थाना इलाके में लोगों के उस वक्त रोंकटे खड़े हो गए, जब एक नवजात घने जंगलों के बीचों-बीच नाले में मिला. वह भी तब, जब उसकी नाल भी नहीं कटी थी. नवजात को देखने वालों ने तुरंत बच्चे को उठाकर उसके दूध की व्यवस्था की. उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और एंबुलेंस को दी. उसके बाद पुलिस और एंबुलेंस की टीम ने बच्चे को वारासिवनी के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. यहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद बच्चे को बालाघाट जिला चिकित्सालय भेज दिया गया. यहां बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है. पुलिस इस मामले में आरोपी मां की तलाश कर रही है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैली हुई है. मामले को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, मानवता को शर्मशार करने वाली यह घटना बालाघाट के जराहमोह गांव और गटापायली के बीच के घने जंगल की है. ग्राम अंसेरा निवासी मूलचंद निनावे अपनी पत्नी मीराबाई के साथ कहीं जा रहा था. उसने बताया कि जब हम जा रहे थे तभी जंगल में बकरी चरा रहे दो युवक मिले. उन्होंने हमें रोका और बताया कि नाले में बच्चा पड़ा है. हम तुरंत नाले के पास गए और बच्चे को उठा लिया. बच्चे की हालत खराब थी. उसकी नाल भी नहीं कटी थी. हमने जैसे-तैसे उसके लिए दूध की व्यवस्था की. उसके बाद हमनें डायल-100 और 108 एंबुलेंस को खबर दी.
गौरतलब है कि, सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस की टीमें वहां पहुंचीं. उन्होंने नवजात की जांच की और उसे वारासिवनी के प्राथमिक उपचार केंद्र ले आए. यहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और फिर हालत में सुधार होने पर बालाघाट जिला चिकित्सालय भेज दिया. यहां डॉक्टरों ने तुरंत बच्चे का इलाज शुरू किया. उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है. बच्चे का वजन 2 किलो ग्राम से ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, उसे पैदा हुए 8 से 10 घंटे ही हुए हैं.
दूसरी ओर, पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. पुलिस अब उस मां की तलाश कर रही है जो बच्चे को जंगल में इस हालत में छोड़कर चली गई. पुलिस का कहना है कि इस मामले में अस्पताल के दस्तावेज खंगाले जाएंगे. इस बात की भी आशंका है कि महिला ने किसी अस्पताल में बच्चे को जन्म न देकर कहीं और दिया हो. पुलिस ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.