उत्तर प्रदेस के मेरठ में बिजली की एचटी लाइन से छूने से छह कांवड़ियों की मौत हो गई थी. ऐसे में बिजली विभाग को कांवड़ियों की मौत के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा था. लेकिन अब बिजली विभाग ने मामले में अपना पक्ष रखा है औऱ बताया कि किसकी लापरवाही से कांवड़ियों की जान गई.
बिजली विभाग की एमडी पावर चैत्रा वी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हादसे में विद्युत विभाग की कोई लापरवाही नहीं है. मानक से ऊंची कावड़ होने के कारण हादसा हुआ था. इलाके में शटडाउन के लिए विभाग को कोई सूचना नहीं मिली थी. एमडी पावर ने विभागीय कार्रवाई से भी पल्ला झाड़ा और लोगों से विद्युत विभाग की संपत्ति से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग की जांच में मृतकों के परिवार के आरोप झूठे पाए गए हैं.
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की एमडी एमडी पावर चैत्रा वी ने कहा किप्रारंभिक जांच में किसी विद्युत कर्मी की कोई लापरवाही नहीं मिली है. स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि कांवड़ की हाइट 12 फ़ीट होनी चाहिए थी. लेकिन जांच में पाया गया कि कांवड़ की हाइट 22 फीट थी. पूरे मामले पर प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ने भी निर्देश दिए थे. जहां पर यह घटनाक्रम हुआ है, वहां सड़क की चौड़ाई कम थी और किनारे मलबा पड़ा था. संतुलन बिगड़ने के बाद गाड़ी में सखा कांवड़ तारों से टकरा गया. उन्होंने बताया कि अगर लाइन टूटी होती तो और बड़ा हादसा होता.
साथ ही लिखित में, ना मौखिक में किसी ने शटडाउन की कोई रिक्वेस्ट नहीं डाली थी. लॉग शीट निकाल कर जांच की गई और शटडाउन की कोई बात सामने नहीं आई है. घटना के बाद अपने आप लाइन ब्रेक डाउन हो गई थी और सारी ऑनलाइन मॉनिटरिंग मुख्यालय से भी होती है.प्रारंभिक जांच में किसी विद्युत कर्मी की लापरवाही से इनकार किया गया है. फिलहाल, डीएम मजिस्ट्रियल जांच करा रहे हैं उसके बारे में टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.
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