पानीपत में यमुना का जलस्तर कम होने लगा है, लेकिन बाढ़ का कहर अब भी जारी है. बाढ़ से मची तबाही से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ताजा मामला पानीपत के नवादा-आर गांव का है, जहां बाढ़ के पानी ने चार मासूम बच्चियों के सिर से पिता का साया छीन लिया. युवक कुछ दिन पहले ही कांवड़ यात्रा से घर लौटका था.
नवादा-आर निवासी 38 वर्षीय राजेश शनिवार को हरिद्वार से डाक कांवड़ लेकर आया था और रविवार की शाम 12 साल की बेटी के साथ बकरियां चराने गया था. दोनों नवादा-आर से सनौली कलां सड़क पर बकरी लेकर आए, जहां सड़क के करीब पुरानी खान पानी बह गई थी. वहां गड्ढा हो गया था और उसमें पानी भरा था. राजेश गड्ढे की गहराई का अंदाजा नहीं लगा पाया और उसमें डूबने से उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने बताया कि राजेश की चार लड़कियां हैं. वह मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था. शनिवार को हरिद्वार से कांवड़ लेकर आया था. रविवार को दोपहर बाद बकरियों को घास चराने के लिए लेकर निकला था, जिसके बाद उसकी बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई. राजेश की आपदा के चलते हुई मौत को लेकर ग्रामीणों ने सरकार से परिवार के लिए मुआवजा मांगा है, ताकि बेटियों का पालन पोषण हो सके.
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