जेडीए पर कार्रवाई में भेदभाव के लग रहे है आरोप, कई अवैध निर्माणों पर नोटिस देने के बावजूद निर्माण कार्य अनवरत जारी
जेडीए प्रवर्तन शाखा और निर्माणकर्ताओं का गठजोड़ जनता पर भारी,ऊँची रसूख के चलते निर्माण कर्ता जेडीए को दिखा रहा है आंख
जेडीए की सख्त कार्रवाई का असर दिख रहा खत्म,रात्रि में भी बेरोकटोक चल रहा है अवैध निर्माण
जोन 9 में अवैध निर्माणों की लगातार बढ़ी संख्या
जयपुर
जयपुर शहर को गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाता है। जो विश्व में पर्यटन की दृष्टि से अपना विशेष स्थान रखता है। लेकिन इन दिनों जयपुर शहर में अवैध निर्माणों की तादाद बढ़ती नज़र आ रही है। हालांकि जयपुर विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन शाखा के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी के निर्देश पर जयपुर शहर में विभाग द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है लेकिन कुछ निर्माणकर्ता जेडीए नियमों की धता बताकर लगातार शिकायत के बावजूद धड़ल्ले से निर्माण कार्य चालू कर रखा है
ठीक ऐसा ही मामला भूखंड संख्या D 2 , कुसुम विहार, गली नंबर 9 , SKIT रोड जगतपुरा, जयपुर और भूखंड संख्या 244 A , कुसुम विहार, गली नंबर 5 , SKIT रोड जगतपुरा का जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 9 का है जहाँ पर अवैध निर्माणकर्ताओं ने ऊँची रसूख का प्रयोग कर जेडीए नियमों को ठेंगा दिखाकर अवैध रूप से रेजिडेंशियल भूखंड में बिना अनुमति व स्वीकृति बिना सेटबैक छोड़े अवैध कमर्शियल निर्माण किया जा रहा है जिसको लेकर जोन प्रवर्तन अधिकारी को बार बार शिकायत करने के बाद विभाग द्वारा कोई भी ठोस कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया है । विभाग की कार्यशैली देखकर लगता है कि विभाग के अधिकारी खुद इसे नज़र अंदाज़ कर इन निर्माणों को पूर्ण करवाने में लगे है | साथ ही अधिकारियों की सरपरस्ती में अवैध निर्माण लगातार बढ़ता जा रहा है और जेडीए प्रशासन मूकदर्शक बन देख रहा है |
आपको बता दें कि इन निर्माणों को लेकर जब जोन उपायुक्त की तकनीकी शाखा ने परीक्षण किया तो विभाग द्वारा इन निर्माणों को व्यावसायिक निर्माण माना लेकिन वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन अधिकारी द्वारा इन निर्माणों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। खासकर जोन 9 में इस तरीके का मामला सामने आ रहा है जहां जोन प्रवर्तन अधिकारी द्वारा नोटिस देने के बाद भी अवैध निर्माणों पर जेडीए अपना शिकंजा नहीं कस पा रहा है और अनवरत अवैध निर्माण लगातार चल रहे है
अब तो देखने कि बात यह होगी कि क्या प्रवर्तन विभाग द्वारा इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी या फिर मिलीभगत का खेल यूं ही चलता रहेगा ?
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