उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कोर्ट मे हुई गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची. जीवा की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने को लेकर आज याचिका दायर की है. वहीं पायल महेश्वरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट आज ही इस मामले पर सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पायल महेश्वरी से अपनी याचिका की कॉपी उत्तर प्रदेश सरकार के वकील को देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में गैंगेस्टर जीवा की पत्नी ने कहा है, ‘उसके पति की तरह उसकी भी हत्या कराई जा सकती है इसलिए मुझे गिरफ्तार ना किया जाए.’ इसके अलावा पायल महेश्वरी ने अपने पति संजीव जीवा के अंतिम संस्कार के लिए भी सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है.बता दें कि गैंगस्टर नेता मुख्तार अंसारी के कथित सहयोगी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई.
इस हमले में दो अन्य लोग घायल हुए थे. पुलिस ने बताया कि कथित हमलावर को घटनास्थल पर पकड़ लिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर ने अधिवक्ता की पोषाक पहन रखी थी और उसने छह गोलियां चलाईं. जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था. वह भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा के मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था. उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे.
पुलिस अधिकारियों ने कहा, ‘लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां अज्ञात हमलावर द्वारा गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई.’ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है. उन्होंने बताया कि लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक है, जबकि पुलिस कांस्टेबल के दाएं पैर में गोली लगी है और उसकी हालत स्थिर है.
पुलिस द्वारा गिरफ्तार कथित हमलावर की पहचान विजय यादव (24) के रूप में की गई है जो जौनपुर जिले के केराकत पुलिस थाना अंतर्गत सर्की सुल्तानपुर गांव का निवासी है. उस क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि विजय लखनऊ में प्लंबर का काम करता था. वह एक शादी में शामिल होने 10 मई को अपने गांव आया था और अगले दिन लखनऊ वापस लौट गया. क्षेत्राधिकारी ने बताया कि यादव के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि एक मामला शादी के लिए एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आजमगढ़ के देवगांव पुलिस थाना में दर्ज है.
उसके खिलाफ 2016 में दर्ज इस प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए थे. उन्होंने बताया कि विजय के खिलाफ दूसरा मामला सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से जुड़ा है, जो 2020 में केराकत पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष कार्य बल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है और एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया है.
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