केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन पोर्टल से डेटा लीक होने की खबर का खंडन करते हुए साफ कहा कि डेटा गोपनीयता के लिए कोविन के पास पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे साथ ही कहा कि कोविन डेटा उल्लंघन का दावा करने वाली खबर निराधार और शरारतपूर्ण प्रकृति की है. पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है.
वहीं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 वैक्सिनेशन के रजिस्ट्रेशन में कोविन पोर्टल, जन्म तिथि और घर का पता आदि जैसी निजी जानकारियां एकत्र नहीं करता है. कोविन पोर्टल यूजर्स की सिर्फ एक जानकारी स्टोर करता है कि उन्होंने फर्स्ट डोज, सेकेंड डोज या फिर बूस्टर डोज लिया है या नहीं.
इससे पहले मलयाला मनोरम की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CoWIN पोर्टल पर लोगों द्वारा दर्ज की गई व्यक्तिगत जानकारी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर उपलब्ध है, जैसे पैनकार्ड से लेकर आधार और पासपोर्ट तक की सभी जानकारी टेलीग्राम ऐप पर उपलब्ध हैं.
रिपोर्ट में दावा किया गया कि टेलीग्राम ऐप पर एक बॉट TrueCaller है. इस ऑटोमैटिक बॉट पर CoWIN ऐप में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एंटर करते ही सारे डिटेल सामने आ जाते हैं. इतना ही नहीं, अगर यूजर ने अपने मोबाइल नंबर से परिवार के सदस्यों या किसी और के लिए भी रजिस्ट्रेशन किया था, तो उनकी जानकारियां भी सामने आ रही हैं.
इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण का भी पर्सनल डेटा लीक हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जब उनका मोबाइल नंबर दर्ज किया गया, तो उनके आधार नंबर के अंतिम 4 अक्षर और जन्मतिथि के साथ-साथ उनकी पत्नी रितु खंडूरी की डिटेल भी सामने आ गई. रितु उत्तराखंड के कोटद्वार से विधायक हैं.
इससे पहले 2021 में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि CoWIN पोर्टल हैक हो गया और इसके परिणामस्वरूप 15 करोड़ लोगों के डेटाबेस की बिक्री हुई. हालांकि, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने इससे इनकार किया था. अब यह मामला एक बार फिर सामने आया है जिसके बाद सरकार इसकी जांच कराने में जुट गई है.
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