राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) के बीच चल रही संघर्ष विराम की कवायद सफलता की सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रही है. इस संघर्ष का समाधान करने के लिए पिछले दिनों कांग्रेस हाईकमान ने दखल दिया था. उसके बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सुलह का फॉर्मूला (Reconciliation Formula) निकालने का दावा किया था. लेकिन उसका कोई खास असर नजर नहीं आया है. न तो सुलह का फॉर्मूला सामने आ पाया और न ही दोनों नेताओं के बीच बयानों का दौर थमा. पायलट के बाद अब गहलोत ने भी उन पर एक बार फिर हमला बोला है.
सीएम अशोक गहलोत ने लंबी चुप्पी के बाद एक बार फिर 2020 में अपनी सरकार गिराने और विधायकों की खरीद फरोख्त का मुद्दा उठाकर पायलट पर हमला किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा में सोमवार को आम सभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर विधायकों की खरीद फरोख्त का जिक्र किया.
गहलोत ने निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया का जिक्र करते हुए कहा कि आज मैं मुख्यमंत्री इन्हीं की वजह से बना रह सका हूं. विधायक रमिला खड़िया को खरीदने के लिए लोग बांसवाड़ा तक आ गए थे. रमिला की कार में रुपये रख दिए गए थे लेकिन उन्होंने उनको हाथ तक नहीं लगाया. रमिला ने खरीद फिरोख्त को स्वीकार नहीं किया.
खास बात यह है कि अशोक गहलोत का यह बयान सचिन पायलट की दौसा में हुई सभा के ठीक बाद में आया है. पायलट ने 11 जून को दौसा में सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी. सचिन पायलट ने दौसा में कहा था कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे. पायलट ने अशोक गहलोत का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा था कि हर गलती कीमत मांगती है.
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