मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को बेस्ट बेकरी मामले में दो आरोपियों- हर्षद रावजी भाई सोलंकी और मफत मणिलाल गोहिल को बरी कर दिया. गुजरात मे गोधरा दंगे की प्रतिक्रिया में भड़की हिंसा के बाद बेस्ट बेकरी कांड में 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस मामले में दोनों आरोपी सोलंकी और गोहिल फिलहाल फरार घोषित हैं.
2002 में गोधरा कांड के बाद हुई हिंसा में भीड़ ने बडोदरा के हनुमान टेकरी इलाके में स्थित बेस्ट बेकरी को आग के हवाले कर दिया था. इस घटना में 14 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. इस मामले में बेस्ट बेकरी के मालिक की बेटी जाहिरा शेख ने 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
गुस्साई भीड़ ने बेकरी चलाने वाले शेख परिवार सहित अंदर रहने वाले मुसलमानों को निशाना बनाया. मारे गए सभी चौदह लोगों ने दंगों के दौरान बेस्ट बेकरी में शरण ली थी. बेकरी में कार्यरत तीन हिंदू श्रमिकों की भी हत्या कर दी गई थी.
2003 में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जिसे बाद में गुजरात हाईकोर्ट ने भी कायम रखा था. इसके बाद जाहिरा शेख ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के मिलकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के मुकदमे को गुजरात से बाहर चलाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इस केस को मुम्बई स्पेशल कोर्ट में भेजा गया था.
इस मामले में मुम्बई की कोर्ट ने 2006 में 17आरोपियों में से 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. इस फैसले के आने तक 4 आरोपियों की मौत हो चुकी थी. वहीं, इस मामले में फरार दो आरोपियों के वकीलों ने सुनवाई के दौरान यह दावा किया था कि गुजरात की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था.
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