भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी भीषण आग की जांच शुरू हो गयी है. सीएम ने एसीएस राजेश राजौरा के नेतृत्व में जांच कमेटी बैठायी है. कमेटी ने सतपुड़ा भवन पहुँचकर आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है. आग लगने के कारणों के साथ नुकसान का आंकलन जांच कमेटी करके तीन दिन में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपेगी. आग के कारण आज कर्मचारियों के लिए आज अवकाश घोषित कर दिया गया था. आज शाम तक कामकाज को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.
सतपुड़ा भवन में आग की जांच के लिए एसीएस होम राजेश राजौरा, पीएस अर्बन नीरज मंडलोई, पीएस पीडब्ल्यूडी सुखबीर सिंह और एडीजी फायर आग लगने के प्रारंभिक कारणों की जांच कर रहे हैं. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा दस्तावेज भले ही जल गए हैं. लेकिन दस्तावेज पूरी तरह से नष्ट नहीं हुए हैं. फाइल (दस्तावेज) को पेन ड्राइव, चिप, हार्ड डिस्क में डेटा है. इनसे फाइलों को फिर से तैयार किया जाएगा. आग लगने के कारणों की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है. तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट आ जाएगी. दस्तावेजों को फिर से रीक्रिएट किया जाएगा. भोपाल से लेकर दिल्ली तक केंद्रीय परिवर्तित योजनाओं के चलते डाटा उपलब्ध है. आग लगने का प्रारंभिक कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है. कर्मचारियों के लिए आज अवकाश घोषित किया गया है. आज शाम से कर्मचारियों के लिए कामकाज की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.
जांच दल ने बताया
सतपुड़ा भवन अग्निकांड की जांच करने पहुंचा दल वापिस आ गया है. जांच दल प्रमुख एसीएस राजेश राजौरा ने बताया विशेषज्ञ अपना काम कर रहे हैं. तथ्य सामने आएंगे और बयानों के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. हम लोग पूरी तफ्तीश करेंगे और 3 दिन बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी. हम लोग लगातार घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं.एक्सपर्ट्स की टीम अपना काम कर रही है. फॉरेंसिक की टीम भी मौके पर जांच कर रही है. मौके से जो सैंपल मिले हैं उन्हें कलेक्ट किया जा रहा है.
सतपुड़ा भवन के चौथे, पांचवें, छठे माले पर जनजाति कार्य विभाग, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग का संचालनालय है. संचालनालय के करीब आधा दर्जन से ज्यादा विभागों में बड़े नुकसान की आशंका है. चौथे माले पर समन्वय शाखा, डिस्पेंसरी आयोग शाखा ,परिवार शाखा के साथ नर्सिंग, स्थापना, फाइनेंस, पेंशन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, फैमिली प्लानिंग के साथ अधिकारियों के केबिन भी आग की चपेट में आ गए हैं. बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ियों, भ्रष्टाचार के 62 मामलों की जांच की EOW, लोकायुक्त में चल रही थी. रिकॉर्ड जलने से इन जांचों पर असर पड़ सकता है. सरकार ने दावा किया है कि विभाग की नस्तियाँ और उपकरण नष्ट हुए हैं. जिन मजिलों में आग लगी है. वहां आदिम जाति कल्याण, परिवार और स्वास्थ्य विभाग है. यहां किसी भी विभाग का टेंडर, प्रक्योरमेंट संबंधित कोई भी काम नहीं होता है.
सतपुड़ा भवन में अग्निकांड को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा- सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आग लगी या लगाई गई. अब तक 12 हजार फाइलों के जलने की बात सामने आ रही है न जाने कितने हजार हो सकती हैं. इस पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. कमलनाथ बोले यह बहुत बड़े भ्रष्टाचार का मामला है. फाइल जलने का क्या उद्देश्य था जांच होनी चाहिए.
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