महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भायंदर इलाके में एक इमारत के सातवें तल पर एक फ्लैट में पुलिस को 36 वर्षीय महिला सरस्वती वैद्य के शरीर के 35 टुकड़े मिले थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फोरेंसिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. हालांकि अभी भी यह रिपोर्ट आनी बाकी है कि क्या शरीर का कोई हिस्सा मिसिंग है या नहीं. इन टुकड़ों का डीएनए भी सरस्वती वैद्य की बहनों से मैच कर गया है. महिला फ्लैट में अपने ‘लिव-इन’ पार्टनर मनोज साने के साथ रहती थी. पुलिस को आरोपी के फ्लैट से जो टुकड़े मिले थे, उनमें से कुछ को प्रेशर कुकर में पकाया भी गया था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी मनोज साने ने 3 जून की रात को 10 से 12 बजे के बीच सरस्वती वैद्य की हत्या की. सूत्रों के मुताबिक यह एक सोची-समझी योजना के तहत किया गया मर्डर है क्योंकि आरोपी ने हत्या करने के कुछ महीने पहले ही मार्बल काटने वाली कटर मशीन खरीदी थी और फिर 4 जून को उसने पेड़ काटने वाले कटर मशीन भी खरीदा.
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी मनोज साने के कई अन्य महिलाओं के भी साथ संबंध थे. आरोपी के मोबाइल से कई और महिलाओं के साथ चैट्स पुलिस को मिले हैं. इसी बात को लेकर मनोज साने और सरस्वती वैद्य के बीच लगातार झगड़े होते थे. आरोपी के मोबाइल से यह भी सबूत पुलिस को मिला है कि मनोज साने कई डेटिंग एप पर भी एक्टिव था और इसी एप के जरिए वह अन्य महिलाओं से चैट्स करता था.
मनोज साने के मोबाइल से जो सबूत मिले हैं उससे पता चलता है कि वह सेक्स एडिक्ट था और इसके चलते उसके अन्य महिलाओं के साथ संबंध भी थे. सरस्वती को शक था कि मनोज साने का कई अन्य महिलाओं से भी अफेयर है और दोनों के बीच इसी को लेकर झगड़े होते रहते थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी मनोज साने और सरस्वती वैद्य ने कुछ सालों पहले नालासोपारा पूर्व में स्थित तुंगारेश्वर मंदिर में एक-दूसरे से शादी की थी और फिर मीरा रोड वाले फ्लैट में रहने लगे थे.
पुलिस की मानें, तो आरोपी ने जब पहली बार बॉडी के हिस्से को काटा तो उसके दीवारों पर बहुत ज्यादा खून फैल गया, जिससे वह डर गया. इसके बाद उसने फ्लैट के अंदर की दीवारों पर अखबार चिपका दिया और फिर बॉडी के टुकड़े करना शुरू किया. आरोपी ने पूछताछ में यह कबूला है कि उसने सरस्वती के बॉडी के कुछ पार्ट्स रेलवे ट्रैक के बगल में मौजूद नाले में फेंका है, जबकि वह पहले एक भी टुकड़ा बाहर न फेंकने की बात कह रहा था. इस जानकारी के बाद पुलिस मीरा भायंदर महानगरपालिका के साथ मिलकर उन हिस्सों को तलाश करने में जुटी है.
पुलिस को आरोपी के फ्लैट से एचआईवी होने की स्थिति में खाई जाने वाली कुछ दवाएं भी मिली हैं. पुलिस को शक है कि आरोपी के कई महिलाओं के साथ संबंध थे. ऐसे में मनोज साने द्वारा एचआईवी पॉजिटिव होने की बात सच भी हो सकती है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी के फ्लैट से उन्हें एक बोर्ड मिला है, जिस पर दसवीं के विषयों के बारे में लिखा है. पुलिस को शक है कि सरस्वती वैद्य दसवीं की परीक्षा की तैयारी कर रही थी. पुलिस ने मीरा रोड मर्डर केस में अब तक 20-25 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. जो मनोज साने और सरस्वती वैद्य से जुड़े लोगों के हैं.
अपराध का पता तब चला जब पड़ोसियों ने पुलिस को फ्लैट से दुर्गंध आने की सूचना दी. पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, साने ने न केवल आरी से काटकर शव के टुकड़ों को प्रेशर कुकर और एक बर्तन में उबाला, बल्कि उन्हें भूनकर बाल्टी और टब में डाल दिया. ऐसा संदेह है कि वैद्य की मौत चार जून को हुई थी, लेकिन मामला सात जून को सामने आया. साने के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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