काशी के ज्ञानवापी पर कानूनी लड़ाई जारी है. कानूनी लड़ाई के बीच ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान के बाद संत समाज भी उनके समर्थन में उतर आया है.अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने खुलकर सीएम योगी का समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने ज्ञानवापी को लेकर बड़ी बात भी कही. वीडियो जारी कर स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी की दीवारें चीख चीख कर बता रही है कि वो मंदिर है.
उन्होंने आगे कहा कि उर्दू फारसी किसी भी भाषा में ज्ञानवापी शब्द नहीं है. ज्ञानवापी का मतलब है ज्ञान और वापी जिसका अर्थ है ज्ञान रूपी कुआं. इसलिए मुस्लिमों को इसे हिन्दू पक्ष को सौंप देना चाहिए.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज एक इंटरव्यू के दौरान प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर हम उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगता है भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे ना, त्रिशूल मस्जिद में क्या कर रहा था? त्रिशूल हमने तो नहीं रखे…ज्योतिर्लिंग हैं, प्रतिमाएं हैं. गलती पर मुस्लिम समाज से प्रस्ताव आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और इस का समाधान होना चाहिए.
वाराणसी के ज्ञानवापी पर एएसआई सर्वे पर 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला सुनाएगी.हाईकोर्ट के फैसले से पहले अब सीएम योगी के इस बयान से फिर ज्ञानवापी को लेकर माहौल गर्म हो गया है और इसको लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं.
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