पौड़ी शहर व श्रीनगर नगर क्षेत्र में आवारा जानवरों का आतंक व्याप्त है. आलम यह है कि यहां पैदल गुजरने वाले यात्रियों से लेकर दुपहिया वाहन चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बद्रीनाथ, केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव श्रीनगर गढ़वाल में एनएच से लेकर नगर क्षेत्रों के मार्गो पर आवारा सांड व गौ वंश झुण्ड बनाकर खड़े रहते हैं जिससे राजमार्ग पर आने-जाने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है. पौड़ी शहर में भी यह समस्या बनी हुई है.
ताजा घटना पौड़ी नगर क्षेत्र के नए बस अड्डे के समीप की है.यहां स्कूल जा रही 5 वर्षीय बालिका पर आवारा कुत्तों के झुण्ड ने हमला कर दिया. आसपास के लोगों के शोर मचाने के बाद आवारा कुत्ते यहां से भाग गए लेकिन इस हमले में बालिका को बुरी तरह से घायल हो गई स्थानीय लोगों ने घायल बच्ची को जिला अस्पताल पौड़ी में भर्ती करवाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद छात्रा को बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर किया गया है. यहां तीन घंटे के ऑपरेशन के बाद बालिका की हालत स्थिर बताई जा रही है. बेस अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि कुत्तों ने बालिका के गले पर हमला किया था, जिससे बालिका की गर्दन की दो नशे कट गई थी और स्थिति नाजुक बनी हुई थी.
पौड़ी शहर में 20 से 25 आवारा कुत्तों का आतंक है, तो वहीं श्रीनगर गढ़वाल में आवारा सांड दहशत का प्रयाय बने हुए हैं. स्थानीय निवासी भोपाल चौधरी का कहना है कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ये जानवर झुण्ड बनाकर खडे रहते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बनी रहती है. वहीं कई बार ये नगर क्षेत्र के मार्गो पर पैदल चल रहे राहगीरों पर भी हमला कर देते हैं.
वहीं स्थानीय निवासी वीरेन्द्र का कहना है कि पौड़ी शहर में आए दिन आवारा कुत्ते किसी न किसी पर हमला करते हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ दिन पहले ही इन आवारा कुत्तों के झुंड ने दो बकरियों को अपना निवाला बनाया था. जिसके बाद नगर पालिका में स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
आवार जानवरों की बढ़ती दहशत को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम का कहना है कि इस महीनें कुत्तों में पागलपन की स्थिति ज्यादा देखी गई है. इसके लिए पुलिस विभाग व नगर पालिका ईओ को निर्देश दिया गया है कि जिन कुत्तों के अंदर पागलपन के लक्षण दिखे उनसे निजात दिलाई जाए. पूर्व में भी आवारा जानवरों को हटाने का कार्य उनके द्वारा किया गया था, लेकिन विरोध झेलना पड़ा. यशपाल बेनाम बताते हैं कि एनिमल एक्ट के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जल्द समाधान निकाल लिया जायेगा. जिससे भय का माहौल न बने. वहीं श्रीनगर निगम प्रशासन भी आवारा जानवरों को नगर क्षेत्र से बाहर करने की तैयारियों में जुटा हुआ है.
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