बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अचानक प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. उनकी पार्टी के रणनीतिकारों ने नीतीश कुमार को यूपी के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है. दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार को फूलपुर से चुनाव लड़ाने को लेकर पार्टी ने एक अंदरुनी सर्वे भी कराया है, जिसमें नीतीश कुमार की फूलपुर से जीत तय बताई जा रही है.
दरअसल, फूलपुर से चुनाव लड़ने के पीछे नीतीश कुमार की मंशा यह है कि वह न सिर्फ खुद को विपक्ष का सबसे मजबूत चेहरा साबित करेंगे, बल्कि वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को भी कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेंगे. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि उनके इस सीट पर चुनाव लड़ने से आसपास के जिलों की 2 दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर सीधे तौर पर इसका असर पड़ेगा, जिन सीटों पर पटेल मतदाता निर्णायक स्थिति में है. ऐसे में अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के चुनाव में बिहार के नालंदा सीट के साथ ही प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं. नीतीश कुमार का कभी प्रयागराज से सीधे तौर पर संबंध नहीं रहा है, लेकिन उनकी भतीजी की शादी फूलपुर में ही हुई है. इसके अलावा नीतीश कुमार वर्ष 2016 में फूलपुर में किसानों का एक बड़ा कार्यक्रम भी कर चुके हैं.
बिहार के साथ प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह सियासी वोटों का गणित है. नितीश कुमार के सजातीय कुर्मी वोटर फूलपुर लोकसभा सीट पर निर्णायक भूमिका में है. इस सीट पर अब तक 9 बार कुर्मी प्रत्याशी सांसद चुने गए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह भी फूलपुर सीट से सांसद रह चुके हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों को भी नीतीश को समर्थन देने में भी कोई आपत्ति नहीं होगी.
फूलपुर लोकसभा सीट की अगर बात करें तो इस सीट में 5 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से सोरांव और फूलपुर में कुर्मी वोटर की बहुलता है. पिछड़ों में सबसे ज्यादा वोट बैंक पटेल समाज का है, जबकि फाफामऊ और शहर पश्चिमी सीट पर भी कुर्मी निर्णायक संख्या में है. वहीं शहर उत्तरी सीट की अगर बात करें तो यहां पर ओबीसी के औसत मतदाता हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में इन पांच विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. जबकि सोरांव सीट सपा के खाते में गई थी. इस सीट पर सपा प्रत्याशी गीता पासी ने जीत दर्ज की थी. हालांकि बाकी सीटों पर सपा मजबूती से चुनाव लड़ी थी.
फूलपुर लोकसभा सीट की बात करें तो देश की आजादी के बाद जहां यह सीट कांग्रेस के पास रही और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू यहां से सांसद रहे. वहीं उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित भी यहां से चुनाव जीतीं. यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस सपा और बसपा के खाते में रही. 2014 में पहली बार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर कमल खिलाया था. हालांकि उसके बाद ही हुए उपचुनाव में बीजेपी ने यह सीट गंवा दी थी. इस सीट पर सपा के नागेंद्र पटेल जीतकर सांसद बने थे. लेकिन 2019 में एक बार फिर से इस सीट पर बीजेपी ने दूसरी बार जीत दर्ज की और केसरी देवी पटेल सांसद चुनीं गई. 2019 में इस सीट पर बीजेपी ने 547701 वोट हासिल कर 171968 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. जबकि समाजवादी पार्टी को 372733 वोट मिले. वहीं कांग्रेस को महज 32761 वोटों से संतोष करना पड़ा था.
वहीं नीतीश कुमार के फूलपुर से लड़ने की चर्चाओं पर समाजसेवी श्यामसुंदर पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार समझदार नेता हैं. वह प्रयागराज की फूलपुर सीट से चुनाव लड़ने की गलती नहीं करेंगे. उन्होंने कहा है कि कुछ लोगों द्वारा यह झूठी खबर फैलाई जा रही है कि नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं समाजसेवी पवन द्विवेदी का कहना है कि नीतीश कुमार बड़े नेता हैं और बिहार के मुख्यमंत्री हैं. अगर वे प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव में उतरते हैं तो बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है.
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर विक्रम पटेल का कहना है कि देश का संविधान इस बात की इजाजत देता है कि कोई भी भारतीय नागरिक इसमें किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकता है. लेकिन उन्होंने कहा है कि 2009 के बाद फूलपुर की सीट का परिसीमन हुआ है. जिसके बाद इसका भूगोल बदल गया है. उन्होंने दावा किया है कि नीतीश कुमार अगर यहां पर चुनाव लड़ने आएंगे तो बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा होगा. जबकि इसका नुकसान सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों को होगा. उन्होंने कहा है कि अगर यहां पर नीतीश कुमार चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी कितने वोटों के अंतर से चुनाव जीत की आई है उससे दोगुने अंतर से चुनाव जीतेगी.
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यूपी के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने और इसके लिए कराए गए इंटरनल सर्वे में उनकी जीत का दावा किए जाने को लेकर योगी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा है कि बीजेपी यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए यूपी में कोई जगह नहीं है. अगर नीतीश कुमार यूपी के फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने आएंगे तो उनके लिए यह वाटर लू साबित होगा.
जबकि राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार मनोज तिवारी का कहना है कि नीतीश कुमार कुर्मी समाज के बड़े नेता हैं. भले ही वह विपक्षी गठबंधन का चेहरा नहीं बन पाए हैं, लेकिन अगर वह फूलपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो एनडीए को टक्कर देने की पूरी कोशिश करेंगे. हालांकि मनोज तिवारी यह मानते हैं कि फूलपुर में बीजेपी मजबूत स्थिति में है, लेकिन नीतीश कुमार के यहां आने से वोटों का सियासी समीकरण बिखर सकता है इससे भी इनकार नहीं कर रहे हैं.
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