प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर ‘नकारात्मक राजनीति’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन से प्रेरित होकर पूरा देश ‘भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण-भारत छोड़ो’ का समर्थन कर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये देशभर में 508 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष का एक वर्ग इस सिद्धांत पर काम कर रहा है कि ना तो वे काम करेंगे और ना ही किसी और को काम करने देंगे. उन्होंने कहा कि आधुनिक संसद भवन का निर्माण किया गया है, लेकिन विपक्ष के एक वर्ग ने इसका भी विरोध किया.
पीएम मोदी ने कहा, ‘उन्होंने 70 साल तक शहीदों के लिए कोई युद्ध स्मारक नहीं बनाया लेकिन जब हमने इसका निर्माण किया, तो उन्हें इसका विरोध करने में भी शर्म नहीं आई.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है और सभी भारतीयों को इस पर गर्व है. उन्होंने कहा कि कुछ दलों को चुनाव के दौरान भारत के पहले गृह मंत्री की याद आती है लेकिन उनका कोई भी बड़ा नेता पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं गया.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर ‘नकारात्मक राजनीति’ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘हम नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता देते हुए सकारात्मक राजनीति की राह पर मिशन मोड में आगे बढ़ रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरित होकर पूरा देश अब कह रहा है भ्रष्टाचार-भारत छोड़ो, वंशवाद-भारत छोड़ो, तुष्टिकरण-भारत छोड़ो.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया का ध्यान भारत पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को लेकर दुनिया के दृष्टिकोण में बदलाव आया है. इसके दो मुख्य कारण है- पहला, लगभग तीन दशक बाद भारतीयों ने पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी और दूसरा, पूर्ण बहुमत की सरकार ने बड़े फैसले लिए तथा देश के सामने मौजूद चुनौतियों के स्थायी समाधान के लिए लगातार काम किया.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत विकसित होने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और यह अमृतकाल के आरंभ में है. नयी ऊर्जा, नयी प्रेरणा, नए संकल्प हैं और इसी भावना के साथ भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है.’
इस बीच, गुवाहाटी के नारंगी स्टेशन में उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि यह आधुनिकीकरण भविष्य की मांगों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि पुनर्विकास कार्य दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने बताया कि असम के स्टेशनों को 990 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बनाया जाएगा. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जिन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात एवं तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 व कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं.
पीएमओ ने बताया था कि इस पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ रुपये होगी और इसके तहत यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. उसने बताया था कि स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा.
पीएमओ ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और रेलवे लोगों के लिए परिवहन का पसंदीदा साधन है. उसने कहा था कि मोदी ने रेलवे स्टेशन पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है.
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण के मद्देनजर 1,309 स्टेशन के पुनर्विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की गई है. उसने कहा कि ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत प्रधानमंत्री ने रविवार को 508 स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखी.
इसी क्रम में ओडिशा में ईस्ट कोस्ट रेलवे के तहत 25 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 547.7 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. ये रेलवे स्टेशन हैं सखीगोपाल, मंचेश्वर, ढेंकनाल, छत्रपुर, अंगुल, पलासा, मेरामंडली, बालूगांव, लिंगराज टेंपिल रोड, तालचर रोड, खुर्दा रोड, कांटाबांजी, बारगढ़ रोड, हीराकुड, रायराखोल, बरपाली, मुनिगुडा, बलांगीर. प्रधानमंत्री ने आधारशिला रखते हुए कहा कि स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा.
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