उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने परमार्थ निकेतन में संकल्प फाउंडेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राज्यपाल बनने के बाद के अपने लगभग दो वर्षों के अनुभव साझा किए।
सम्मेलन के प्रथम सत्र का शुभारंभ करते हुए गुरमीत सिंह ने विभिन्न गौरवमयी, ऐतिहासिक क्षणों व सांस्कृतिक समागमों को तरोताजा करते हुए उत्तराखंड की आध्यात्मिकता, नैसर्गिकता, पर्यटन, तीर्थाटन और यहां की दिव्यता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तपभूमि, देवभूमि उत्तराखंड पूरे भारत एवं विश्व की आध्यात्मिक चेतना का एक स्रोत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड न सिर्फ भारत अपितु पूरे विश्व को ऊर्जा देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह स्थान आदिकाल से ही परम ज्ञान का स्रोत रहा है। यहां समय-समय पर अनेक महापुरूष, तपस्वी, समाज सुधारक आये हैं और इस पवित्र भूमि को और अधिक जीवंत बनाने में अपना योगदान दिया।
राज्यपाल ने उत्तराखंड में योग, आयुर्वेद, हेल्थ एण्ड वेलनेस, हॉर्टिकल्चर, हॉस्पिटैलिटी आदि की असीमित संभावनाओं का जिक्र करते हुए देश और दुनिया के लोगों को देवभूमि पधारने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न किए गए जी-20 सम्मेलनों के माध्यम से उत्तराखंड की एक अलग पहचान स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि अमृतकाल के इस दौर में हमारे सम्मुख अनेक चुनौतियां भी हैं, जिनका सामना कर हमें अपने पुराने वैभव को प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्व गुरु और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक जन को अपना पूर्ण योगदान देना होगा।
वहीं गुरमीत सिंह ने संकल्प फाउंडेशन के पदाधिकारियों को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि संस्थान ने अपनी आगामी योजनाओं के निर्माण हेतु चिंतन एवं मंथन के लिए उत्तराखंड और ऋषिकेश को चुना। उन्होंने कहा कि संकल्प संस्थान सिविल सेवकों को एक उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें राष्ट्र निर्माण हेतु तैयार कर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। लगभग 30 वर्षों से अधिक समय से संस्थान सिविल सेवकों को तैयार कर रहा है और यहां के आठ हजार से अधिक छात्रों ने सफलता अर्जित की है, जो प्रशंसनीय है।
इस अवसर पर उन्होंने परमार्थ निकेतन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला स्वच्छता कर्मियों को प्रशस्ति पत्र व स्वच्छता किट भी प्रदान की। उन्होंने सभी महिलाओं के कार्यों को सराहा। इस अवसर पर संकल्प संस्थान के संस्थापक संतोष तनेजा ने वर्चुअली जुड़कर संस्थान की गतिविधियों और भावी योजनाओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उपस्थित सभी लोगों का परमार्थ निकेतन में स्वागत एवं अभिनंदन किया।
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