प्रदेश हाईकोर्ट ने राजकीय महाविद्यालय सराज में तैनात सहायक प्रोफैसर के तबादला आदेशों पर रोक लगा दी है। सरकार ने भूगोल विषय के सहायक प्रोफैसर डा. ख्याल चंद का तबादला राजकीय महाविद्यालय गुलेर जिला कांगड़ा को किया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने प्रार्थी द्वारा अपने तबादला आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश जारी किए।
प्रार्थी के अनुसार वह राजकीय महाविद्यालय सराज के लंबाथाच में पिछले 7 सालों से भूगोल विषय के सहायक प्रोफैसर के पद पर तैनात था। इसलिए उसने विभाग को प्रतिवेदन देकर उसके सुझाए स्थानों पर स्थानांतरित करने हेतु विचार करने के आदेशों की मांग की। जब विभाग ने उसके प्रतिवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने विभाग को प्रार्थी के प्रतिवेदन पर कारण सहित विचार करते हुए विस्तृत आदेश पारित करने को कहा। इसके बाद शिक्षा सचिव ने 22 जुलाई को प्रार्थी के प्रतिवेदन पर निर्णय लिया और न केवल प्रार्थी के प्रतिवेदन को खारिज किया बल्कि उसे राजकीय महाविद्यालय सराज से राजकीय महाविद्यालय गुलेर जिला कांगड़ा को स्थानांतरित कर दिया।
प्रार्थी ने इन आदेशों को विवादित बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है। प्रार्थी के अनुसार विवादित आदेश में साफ तौर से कहा गया है कि राजकीय महाविद्यालय संजौली जिला शिमला में भूगोल विषय के सहायक प्रोफैसर का पद खाली पड़ा है। यह रिक्ति उसने अपने प्रतिवेदन में भी दर्शाई थी इसलिए उसे आसानी से राजकीय महाविद्यालय संजौली में तैनाती दी जा सकती थी। इसके बावजूद शिक्षा सचिव ने उसे मंडी से कांगड़ा भेजने के आदेश जारी कर दिए। प्रार्थी ने शिक्षा सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका भी दायर की है। कोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई तक मामले में हिदायत अथवा संक्षिप्त जवाब दायर करने के आदेश भी दिए हैं। मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की गई है।
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