पड़ोसी देश चीन को रूस का अच्छा दोस्त माना जाता है. यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद रूस को चीन का भरपूर साथ भी मिला. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का चीन ने हर मौके पर साथ दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक रूसी सीमा पर अपने देश के नागरिक से बदसलूकी के मामले में चीन की तरफ से कड़ा विरोध जताया गया है. इस युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब किसी मुद्दे पर यह दोनों देश आमने-सामने आए है. हालांकि यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा कि चीन अब धीरे-धीरे रूस से अपना मुंह मोड़ रहा है.
चीन के सोशल मीडिया पर बीते एक सप्ताह से एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ वीडियो ब्लॉगर को रूस- कजाकिस्तान की सीमा पर देखा जा सकता है. उन्हें रूस में इंट्री नहीं दी गई. रूस के बॉर्डर पर तैनात सैनिक इन चीनी नागरिकों के सूटकेस की जांच कर रहे हैं. इस दौरान एक ट्रैवलर कहता है कि जांच के तरीके को देखकर उसे महसूस हो रहा है कि वो एक अपराधी है.
मामला बढ़ने पर इसके बाद मॉस्को में मौजूद चीनी दूतावास की तरफ से इस घटना पर प्रतिक्रिया दी गई. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वी-चैट पर दूतावास की तरफ से कहा गया, ‘इस घटना में रूस की क्रूर और जरूरत से ज्यादा दिखाई गई कानून का पालन कराने की गतिविधि चीनी नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों का गंभीर उल्लंघन है’ चीनी दूतावास की तरफ से जारी बयान में काफी कठोर शब्दों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया गया है, जिसके बाद यह कायस लगाए जाने लगे कि क्या चीन का रुख अब रूस की तरफ से कहीं ओर मुड़ने लगा है. हालांकि इसपर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी की तरफ से भी इस मामले पर प्रतिकिया दी गई. उन्होंने बताया कि घटना के कारण उपजे विवाद पर उन्होंने चीन के विदेश मंत्री से बात भी की. चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से इस मुद्दे पर कोई बयान जारी नहीं किया गया. हालांकि यह जरूर बताया गया कि यूक्रेन के मुद्दे पर चीन का रुख पूरी तरह स्वतंत्र है. यह किसी देश पर निर्भर नहीं है.’
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