मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा. सभापति जगदीप धनखड़ ने AAP दो सांसदों राघव चड्ढा और संजय सिंह पर कार्रवाई की. राघव को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया, जबकि संजय सिंह का निलंबन बढ़ा दिया गया. आम आदमी पार्टी के इन दोनों सांसदों का निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक विशेषाधिकार समिति सदन में उनके अनुचित व्यवहार पर निर्णायक रिपोर्ट नहीं ला देती.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने राघव चड्ढा और संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई के बारे में सदन को सूचित किया. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा, ‘मैं राघव चड्ढा को उच्च सदन की सेवा से तब तक निलंबित करता हूं जब तक विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं आ जाती. संजय सिंह का निलंबन बढ़ाया जाता है. मुझे इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजना समीचीन लगता है…24 जुलाई 2023 का निलंबन आदेश वर्तमान सत्र से आगे भी जारी रह सकता है, जब तक कि परिषद को विशेषाधिकार समिति की सिफारिश नहीं मिल जाती.’
संजय सिंह को दिल्ली सेवा बिल का विरोध करते हुए वेल में आने, चेयर के निर्देशों और सदन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. उन्हें 24 जुलाई को सभापति जगदीप धनखड़ ने बाकी मानसून सत्र के लिए निलंबित किया था. अपने खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में संजय सिंह संसद परिसर में ही धरने पर बैठे थे.
वहीं राघव चड्ढा के मामले में 4 राज्यसभा सांसदों ने दावा किया था कि उन्होंने 7 अगस्त को एक प्रस्ताव में उनकी अनुमति के बिना उनका नाम शामिल किया था. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 9 अगस्त को सांसदों की शिकायत की जांच विशेषाधिकार समिति को सौंप दी थी. सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन ने चड्ढा पर उनसे पूछे बिना उनका नाम सदन के पैनल में जोड़ने का आरोप लगाया है. इस बीच, आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर चड्ढा को ‘जानबूझकर फंसाने की कोशिश’ करने का आरोप लगाया है.
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