अगर किसी के परिवार में हर साल करोड़ों की आमदनी हो, तो भला वह समोसे कचौरी की दुकान क्यों लगाएगा – यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में आता जो सत्य कुमार की कचौरी खाने जाता है. इतना ही नहीं, अच्छी खासी सरकारी नौकरी छोड़कर छोटा धंधा शुरू करने की बात भी नहीं समझ में आती. लेकिन खास बात यह है कि इनके समोसे-कचौरी का स्वाद बेहद लाजवाब है. ग्राहक इनके खाने की बड़ी तारीफ करते हैं.
सत्य कुमार शर्मा ने बताया कि 10 साल पहले मैं डीटीसी में जीआई स्तर का अधिकारी था. नौकरी छोड़ने के बाद मैंने दूध का धंधा शुरू किया. उसके बाद यहां पर समोसा लगाना शुरू किया. नौकरी के मुकाबले इस धंधे में मुनाफा ज्यादा है.
उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने आईआईटी दिल्ली और दूसरे ने आईआईएम से पढ़ाई की है. इस समय वह सालाना 40 लाख के वेतन पर बंगलुरु की कंपनी में नौकरी कर रहा है. उसकी पत्नी भी उसी कंपनी में इतने ही वेतन पर नौकरी कर रही है. छोटा बेटा आईआईटी दिल्ली से पढ़कर 35 लाख के पैकेज पर जॉब कर रहा है.
सवाल पूछा कि घर पर करोड़ों का सालाना पैकेज है तो आप रिटायरमेंट क्यों नहीं लेते? तो सत्य कुमार ने जवाब दिया कि अगर मैं अभी रिटायरमेंट लेता हूं तो यहां काम कर रहे 10 लोग बेरोजगार हो जाएंगे. इसके अलावा लोगों को मेहनत करते रहना चाहिए, इसलिए मैं रिटायरमेंट नहीं ले रहा.
सत्य कुमार की दुकान दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास सुपर बाजार में है. यहां का नजदीकी मेट्रो स्टेशन राजीव चौक है.
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