केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में बने रहते हैं. उन्होंने रविवार को इस बात पर जोर दिया कि चुनाव लोगों के बीच विश्वास और प्यार पैदा करके जीते जाते हैं, न कि होर्डिंग्स लगाने और मटन पार्टी करने से. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने नागपुर में महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के समारोह में बोलते हुए अपने तर्क का समर्थन करने के लिए एक व्यक्तिगत किस्सा भी साझा किया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन गडकरी ने याद किया कि कैसे मतदाताओं के बीच एक-एक किलो मटन बांटने के बाद भी वह चुनाव हार गए थे. कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता बहुत होशियार होते हैं, उन्हें हर उम्मीदवार से चुनावी खैरात मिलती है. लेकिन वोट उसी उम्मीदवार को देते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए सही है.
नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में आगे कहा ‘लोग अक्सर पोस्टर लगाकर और चुनावी उपहार देकर चुनाव जीतते हैं. हालांकि, मैं ऐसी रणनीतियों में विश्वास नहीं करता हूं. मैंने एक बार एक प्रयोग किया था और मतदाताओं को एक किलो मटन उपलब्ध कराया था. लेकिन हम चुनाव हार गए, मतदाता बहुत स्मार्ट हैं.’
राजनेताओं और लोगों के बीच विश्वास के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर राजनेता लोगों के बीच विश्वास और उम्मीद पैदा करते हैं, तो बैनर और पोस्टर पर खर्च किए बिना भी चुनाव जीता जा सकता है. नितिन गडकरी ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा चुनाव के दौरान प्रलोभन दिखाने के बजाय लोगों के दिलों में विश्वास और प्यार पैदा करें.’ अपने भाषण में, नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि लोग अक्सर उनसे सांसद, विधायक या एमएलसी जैसे विभिन्न पदों के लिए अनुरोध करते हैं. यदि ये नहीं, तो वे मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज या प्राथमिक विद्यालय (प्राथमिक शिक्षक के वेतन का आधा पाने के लिए) मांगते हैं. हालांकि, हम ऐसी मांगों के साथ देश में सकारात्मक बदलाव नहीं ला सकते हैं.
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