डीएसटी कांस्टेबल पर फायरिंग करने के मामले का पुलिस को बड़ी सफलता मिली है जिसमे मुख्य आरोपी को घटना स्थल के पास से 36 घंटे बाद आखिर दबोचा गया है। आरोपी के पैर में गोली मरी गई है। जिसे गंभीर अवस्था में भारी पुलिस जाप्ते के बीच दौसा जिला अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया।जहा पर चिकित्स्कों द्वारा जयपुर रैफर कर दिया। एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस के द्वारा लगातार आरोपी की तलाश में सर्च अभियान चलाया जा रहा था उसी में करीब 500 पुलिस कर्मियों द्वारा सर्च अभियान में जगह-जगह ताबिश दी जा रही थी और खेतों में बीहड़ो में लगातार तलाशी अभियान किया जा रहा था। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी घटना स्थल के पास ही एक नहर नुमा खड्डे में छीप कर बैठा था। पुलिस ने उसे घेरा बना दबोचा। इस दरमियान आरोपी के द्वारा फिर फायरिंग की जिसमे पुलिस और आरोपी की मुठभेड़ में आरोपी को गोली पैर में लगने की वजह से घायल हो गया। जिससे घायल अवस्था में दोसा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों की टीम के द्वारा गंभीर अवस्था के चलते उसे जयपुर रैफर कर दिया आरोपी का नाम नवीन जाट पुत्र वीरेंद्र सिंह सिनसिनवार (जाट) उम्र 24 निवासी सेवर जिला भरतपुर बताया जा रहा है। आरोपी पुलिस के लिए एक सिर दर्द बना हुआ था और इसके लेकर आईजी उमेश चंद्र दत्त लगातार कैंप किए हुए थे। दोसा में एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने भी घटना की रात को दौसा में पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी ली थी और आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए थे इसी के चलते पुलिस को आखिर 36 घंटे बाद सफलता मिली यह वही आरोपी है जिसका पुलिस के द्वारा वीडियो जारी किया गया था और इसी आरोपी के द्वारा कांस्टेबल पहलाद सिंह पर फायरिंग की थी इसके पास से वेपंस भी बरामद हुआ है। आरोपी को दोसा जिला अस्पताल लाने के दौरान एएसपी बजरंग सिंह शेखावत , दोसा सीओ कालूराम मीणा,, आईपीएस श्वेता पाठक सहित भारी पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।
लेकिन इस घटना में एक आरोपी अभी भी फरार है।