Download App Now Register Now

अंकल रजिस्ट्रार शर्मा की कारगुजारी !…..पूर्व रजिस्ट्रार के बेटे के संचालित नर्सिंग कॉलेज का मामला पार्ट -2......बड़ा सवालः दो निजी नर्सिग संस्थान में एक व्यक्ति प्रिसिंपल पद पर काबिज, विभाग ने आंख बंद कर कैसे दी गई मान्यता 

जयपुर (सुमित कुमावत)

सैया भये कोतवाल तो डर काहे का यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि प्रदेश में  संचालित कई निजी नर्सिंग संस्थानों के संस्था प्रधानों एवं आरएनसी के निरीक्षण अधिकारियों से मिलीभगत व विभागो से धोखाधड़ी का मामला आए दिन सामने आता रहता है। आरएनसी निरीक्षणकर्ताओ  व अंकल रजिस्ट्रार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के नए आयाम को मील का पत्थर बताकर वाहवाही लूटी जा रही है। वैसे तो इस मामले की शुरुआत आज के 10 साल पहले गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग जयपुर को मान्यता से हुई थी जिसमें की दंबग संस्था प्रधान व पूर्व रजिस्ट्रार ने अधिकारियों के सामने कभी उजागर नहीं होने दिया।

दरअसल गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग जयपुर की मान्यता लेने के पीछे फर्जीवाडे़ का ताना-बाना तो पहले से ही बुना जा रहा था उस समय भी संचालको द्वारा निरीक्षण अधिकारियों से जमकर मिलीभगत कर फर्जीवाड़े से मान्यता लेने का यह राज कागजों में ही दफन होकर रह गया। लेकिन आखिरकार हाथ में आई बाजी को कौन जाने देना चाहता है उसके लिए संचालकों ने आज के दो वर्ष पूर्व एक बार फिर से अपनी दबंगई व अंकल रजिस्ट्रार के दम पर निरीक्षण करवाकर मान्यता के अनुरूप होने का दावा कर राज्य सरकार द्वारा जारी एनओसी को रिन्यूअल कराने की कारगुजारी को अंजाम दिया गया।  

इस बार हमारी टीम के द्वारा दफन हुए राज के हर पहलू पर से पर्दा उठाने के लिए विश्वविद्यालय में रिन्यूअल के बाद संबद्धता के लिए दिए गए दस्तावेजों को खंगाला और जानकारी जुटाने का काम किया गया।  उन दस्तावेजों में कई दस्तावेज तो उन विभागों के है जिनको केवल वहां पर कार्यरत अधिकारियों ने अपनी हैसियत के दम पर ही जारी कर दिए वहीं उस समय संस्था के प्रिंसिपल सैयद बैग की जब नब्ज टटोली गई तो  प्रिंसिपल ने जो कहानी सुनाई उसे कहानी ने संवाददाता को भी चौंका दिया और अंकल रजिस्ट्रार की मेहरबानी सहित निरीक्षण अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी। जबकि नर्सिंग कौंसिल के रजिस्ट्रार के जिम्मे इन संस्थानों के निरीक्षण करवाने से लेकर मान्यता देने या नहीं देने के अभिमत का जिम्मा होता है उस अभिमत के आधार पर विभाग द्वारा आंख बंद करके मान्यता दे दी जाती है। वहीं गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग जयपुर की एनओसी रिन्यूअल करवाने के पीछे भी अंकल रजिस्ट्रार व निरीक्षण अधिकारियों ने जमकर मिलिभगत व मलाई खाने व खिलाने के काम को अंजाम दिया गया है।
 

गणपति केशोराय कॉलेज संस्था की कारगुजारी

सैयद बैग ने बताया कि गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग जयपुर में उसने प्रिंसिपल पद के लिए आवेदन जरूर किया था इसके लिए वह संस्था के सचिव प्रदीप गिरी से मिला था। आवेदन के साथ उसने अपने शैक्षणिक दस्तावेज भी प्रदीप गिरी को दिए लेकिन प्रिंसिपल के पद पर कभी भी जॉइनिंग नहीं की थी। जबकि संस्था द्वारा प्रिंसिपल पद के लिए जॉइनिंग लेटर तक जारी कर विभागों को गुमराह किया गया इतना ही नहीं सरकारी विभागों में कार्यरत रिश्तेदारो ने भी पद का दुरुपयोग करते हुए दस्तावेज जारी किए गए।
 

अनियुक्त प्रिंसिपल के नाम संस्था का कारनामा

अनियुक्त प्रिसिंपल सैयद बेग ने चौकाया कि उसको कभी भी गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग से कोई ज्वांइनिंग लेटर ना तो लिया है ओर ना ही मिला है ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि संस्था ने निरीक्षण के समय कौनसे सैयद बैग को खड़ाकर निरीक्षण अधिकारियों से एनओसी रिन्यूअल करवाने के साथ साथ विश्वविधालय में सत्र 2022-23 की संबद्वता भी ले ली गई वहीं कॉलेज द्वारा जमा करवाई गई पत्रावली में प्रिंसिपल के पद पर सैयद बैग को बताया गया ओर संबद्वता से संबधित सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर तक भी करवाएं गए।
 

आरएनसी और विश्वविद्यालय का झूठा दावा

दोनों ही विभागो द्वारा गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग का निरीक्षण किया गया लेकिन दोनों ही जगह सैयद बैग को लेकर निरीक्षण अधिकारियों ने बैग के सत्यापन के लिए ना तो आईडी मांगी गई जबकि निरीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी के साथ साथ ग्रुप फोटो ली जाती है ऐसे में दोनों विभागों के निरीक्षण अधिकारी ने मौके पर सैयद बैग के होने का झूठा दावा करते हुए संस्था प्रधान से मोटी चांदी कुटी गई होगी।  
 

                                                                                                                                                   

नगर निगम के सहायक अभियंता का खेल

जयपुर नगर निगम में कार्यरत सहायक अभियंता मनोज कुमार गोस्वामी गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग को संचालित करने वाली संस्था के सचिव प्रदीप गिरी का रिश्तेदार है जो कि अपने रिश्तेदार के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने से भी कोई गुरेज करने से नहीं कतरा रहा है। मनोज कुमार गोस्वामी ने अपने विभाग के नाम और पद का ऐसा फायदा पहुंचाया जो कि उसके कार्यक्षेत्र से बाहर है। मनोज कुमार गोस्वामी ने प्रदीप गिरी के कहने पर कॉलेज से हॉस्टल की दूरी, भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र को सत्यापित करते हुए विभाग की सील लगाकर मान्यता दिलवाने के लिए अहम भूमिका अदा करने का काम किया जबकि यह तीनों प्रमाण पत्र सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा जारी किए जाते है।
 

सहायक अभियंता मनोज कुमार गोस्वामी ने फाड़ा आवेदन

सहायक अभियंता मनोज कुमार गोस्वामी वहीं जब इस बाबत सूचना के अधिकार का आवेदन सहायक अभियंता को देने का प्रयास किया गया तो उन्होंने हंसते हुए संवाददाता से कहा कि लिस्ट तो बहुत सी आती है लोग टाइप करा लाते है पता नहीं कितने .... दिए तुम तो गजब कर रहे हो यार !
 

ऐसे बोलते है सफेद झूठ संस्था प्रधान 

वहीं वर्तमान में प्रिंसिपल सैयद बैग जहां पर कार्यरत है उस संस्था प्रधान का कहना है कि अगर दोनों सस्थानो की सहमति हो तो एक आदमी दो जगह काम क्यों नहीं कर सकता इस बात का उदाहरण भी दिया कि एक डॉक्टर दो जगह काम नहीं करता है क्या तो, एक नर्सिंग शिक्षक भी दो जगह काम कर सकता है। आखिरकार थोड़ी देर बाद दुबारा फोन करके बताया कि सैयद बैग मेरी संस्था में 2013 से पिछले पांच वर्षो से प्रिसिपल के पद पर बतौर कार्यरत है।

प्रिंसिपल ने लगाई संवाददाता से गुहार

संवाददाता ने जब प्रिंसिपल सैयद बैग को उक्त संस्था द्वारा किए गए इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी लेने के लिए सम्पर्क साधा तो संवाददाता से ही गुहार लगाने के साथ साथ संस्था के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को अमल में लाने की बात कहीं। और बताया कि अभी मै प्रदीप गिरी से बात करता हूं कि उसने कैसे मेरे दस्तावेजों का उपयोग किया जबकि मैंने कभी भी गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग ज्वाइन नहीं किया।

लीगल नोटिस के बाद भी नहीं जागा आरएनसी

नर्सिंग शिक्षा के जानकार और एडवोकेट अनिल चौधरी ने गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के अन्दर चल रहें फर्जीवाडे़ को लेकर कुछ दिनों पूर्व लीगल नोटिस भेजकर नर्सिंग कौंसिल को जानकारी दे दी थी लेकिन फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही आरएनसी के मुखिया वर्तमान रजिस्ट्रार की कलम को कार्यवाही के नाम पर सांप सूंघ गया जबकि गणपति केशोराय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संचालक के द्वारा चार महीने बीत जाने के बाद जवाब देकर अपने आपको पाक साफ होने का दावा किया जा रहा है।  

आखिरकार सुलगते वो सवाल जिनके जवाब से खुलेगी फर्जीवाड़े की परत-

1. आखिरकार एक व्यक्ति एक साथ प्रिंसिपल पद पर कैसे काम कर सकता है?
2. कौंसिल व विश्वविद्यालय के निरीक्षण के समय सैयद बैग कौन?
3. विश्वविद्यालय में सत्र 2022-23 की संबद्धता फाइल पर सैयद बैग के साइन किसने किए?
4. विश्वविद्यालय में सत्र 2022-23 की संबद्धता फाइल पर सैयद बैग के साइन नहीं करने की जांच के बाद क्या विश्वविद्यालय संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की करेगा पहल?
5. निरीक्षण के समय वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी में सैयद बैग किसको दिखाया गया ?
6. ऐसे कितने सस्थानों में दस्तावेजों का दुरुपयोग बिना सहमति और जॉइनिंग के हो रहे होंगे ?
7. विश्वविद्यालय की स्क्रूटनी कमेटी क्या औपचारिकता पूरी करने या कमाई करने के लिए बनाई जाती है ?
8. विश्वविद्यालय में कब तक चलेगा ऐसे संस्थानों को संबद्धता देने का खेल?
9. आखिरकार शिकायत के बाद ही क्यों होती है कार्यवाही, ऐसी है जिम्मेदारों की जिम्मेदारी?
10. अंकल रजिस्ट्रार को मिली शिकायत पर किसके इशारे पर कार्यवाही को रोका गया?
11. अंकल रजिस्ट्रार और पूर्व रजिस्ट्रार दयाशंकर शर्मा से कैसी ओर कौन सी, कितने में हुई डील?
12. आखिरकार इस मेहरबानी के पीछे के खेल से कितनों को हुआ फायदा?
13. निरीक्षण अधिकारियों व स्क्रूटनी कमेटी पर कौन करेगा कार्यवाही?
14. कार्यवाही करने वाले हाथों में कप-कपी के साथ किसके नाम का सांप सूंघ गया !
15. संवाददाता के सवालों से क्यों बनाई जा रही है दूरी ?

16. संस्था की जमीन आज भी संस्थानिक नहीं फिर कैसे दे दी गई मान्यता व संबद्वता ?
17. संस्था का पेरेंटल हॉस्पिटल स्पर्श हॉस्पिटल पूर्व में भी था जयपुर की ही एक संस्था का था पेरेंटल  

 



 जिम्मेदारों की प्रतिक्रिया -

संवाददाता से लेकर संपादक का फोन उठाने तक कि जहमत नहीं की गई।

- शंशिकात शर्मा, रजिस्ट्रार

 

 

 


 ऐसे संस्थानों पर रजिस्ट्रार को संज्ञान में आने के बाद छात्र हितों को देखते हुए विधिवत कानूनी कार्यवाही को अमल में लाना चाहिए।

- एडवोकेट अनिल चौधरी

मेरे द्वारा कई बार जरिये दूरभाष सम्पर्क कर जानकारी चाही गई लेकिन रजिस्ट्रार ने फोन तक नहीं उठाया।

- रमाकांत गोस्वामी, सम्पादक

ना ही मैनें कभी उनको ज्वाइन किया और ना मुझे ज्वाइनिंग लेटर दिया और ना ही रिलीविंग लेटर दिया तो कैसे इस्तेमाल कर सकते है।

- प्रिंसिपल सैयद बैग

 

 

 

सैयद बैग मेरी संस्था में 2013 से प्रिंसिपल के पद पर बतौर कार्यरत है।

. - संस्थापक, लगन शाह नर्सिंग कॉलेज

 

 

ऐसे निरीक्षण व स्क्रूटनी कमेटी के सदस्यों पर अंकुश लगाने के लिए उच्च अधिकारियों को सख्त कार्यवाही के साथ पद का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ अभियोग दर्ज कराकर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।

- एडवोकेट सुरेन्द्र सिंह राठौड़

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | गाजियाबाद में पड़ोसी ने युवती के साथ किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार | मदरसे में 7 साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत, गुस्साए लोगों ने किया हंगामा | रक्षाबंधन पर भाई ने उजाड़ दिया बहन का सुहाग, दोस्त के साथ मिलकर की बहनोई की हत्या, आरोपी गिरफ्तार | गाजियाबाद में नामी स्कूल की शिक्षिका को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए किया मजबूर, आरोपी गिरफ्तार | यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के उद्घाटन समारोह के लिए सीएम योगी को मिला आमंत्रण | विनेश फोगाट का अधूरा सपना पूरा करेगी काजल, अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में जीता गोल्ड | चिकित्सा मंत्री की पहल पर काम पर लौटे रेजीडेंट, चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत, समस्याओं के निराकरण के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी गठित करने के निर्देश | लोहागढ़ विकास परिषद के बाल-गोपाल, माखन चोर, कृष्ण लीला, महारास कार्यक्रम में देवनानी होंगे मुख्य अतिथि |