मुंबई में होने वाली I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक से पहले सियासत बिहार में तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा गठबंधन का संयोजक नहीं बनने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल है कि आखिर इंडिया गठबंधन का संयोजक कौन होगा और नीतीश कुमार की उसमें भूमिका क्या होगी.
दरअसल I.N.D.I.A. गठबंधन में संयोजक बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें संयोजक बनने की इच्छा नहीं है. वे चाहते हैं कि संयोजक कोई और बने. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों एकजुट हो यह उनकी चाहत है. लेकिन संयोजक पद पर नीतीश कुमार के द्वारा न करने के बाद अब बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार पर हमलावर है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार हर बार यही कहते हैं. 2020 में भी उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं. लेकिन, अभी तक मुख्यमंत्री बने हुए हैं. नीतीश बाबू ऐसे कैरेक्टर के नेता हैं कि जो वह कहेंगे नहीं करते हैं लेकिन वह वही करेंगे. मैं नीतीश कुमार से छोटा हूं यदि वह कहेंगे कि मैं संयोजक नहीं बनना चाहत हूं तो मैं कल्याण बीघा में उनके लिए एक कुटिया बनाऊंगा जिसमें वह विश्राम करें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान आने के बाद रजत प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है. जनता और उनके समर्थक यह चाहते हैं कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की उम्मीदवार बने लेकिन आज यदि उन्होंने खुद ही स्पष्ट कर दिया है तो इस मामले पर विराम गया है.
संयोजक के पद पर मुख्यमंत्री के द्वारा स्थिति स्पष्ट करने के बाद जदयू प्रवक्ता डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार की कोई लालसा नहीं है . वह बस सिर्फ यही चाहते हैं कि तमाम विपक्षी पार्टियों एकजुट हो. पटना, कर्नाटक और बेंगलुरु की बैठक इसका एक बड़ा उदाहरण है. इस एकजुट की पहल नीतीश कुमार ने इसलिए की है ताकि 2024 के चुनाव में भाजपा को देश से हटाया जाए.
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