सोशल मीडिया पर बहुचर्चित पीसीएस ज्योति मौर्य प्रकरण अपने आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ रहा है. हम यह कह सकते हैं कि कुछ ही दिनों में मामला पूरी तरह सुलझ सकता है. इसका कारण खुद पीसीएस अधिकारी के पति आलोक मौर्य ही हैं. पत्नी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले आलोक ने अपनी शिकायत जांच कमेटी के सामने वापस ले ली है. सोमवार 28 अगस्त को आलोक जांच कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए और लिखित रूप से अपनी शिकायत वापस ले लिए. कहा जा रहा है कि ऐसा फैसला उन्होंने बिना डर और दबाव के लिया है. जबकि बीते कई महीने से वो सोशल मीडिया पर पत्नी ज्योति मौर्य के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोलने की दुहाई दे रहे थे.
बता दें कि जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद ने कहा कि आलोक 28 अगस्त को जांच कमेटी के सामने उपस्थित हुए. इस दौरान उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली. हालांकि जांच कमेटी ने इस दौरान ये भी पूछा कि क्या वो फैसला किसी के दबाव में तो नहीं ले रहे. इस पर आलोक ने दबाव और अन्य तथ्यों को सिरे से खारिज कर दिया.
आलोक ने कहा, ‘मैं अपनी शिकायत बिना किसी डर और दबाव के वापस ले रहा हूं. मुझे किसी भी प्रकार की धमकी नहीं मिली है,और ना ही कोई लालच दिया गया है. इस विषय पर मैंने बहुत गंभीरता से सोच और विचार किया. आखिरकार शिकायत वापसी का निर्णय लिया’.
ऐसे में एक संशय अभी भी बरकरार है. वह है पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य का पति आलोक के खिलाफ मुकदमे का. प्रकरण के दौरान ही ज्योति मौर्य ने भी पति के खिलाफ दहेज संबंधी कई गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाया था. ऐसे में यदि अलोक अपनी शिकायत वापस ले रहे हैं तो क्या पत्नी भी शिकायत वापस लेंगी? इतना ही नहीं दोनों के अलग होने के रास्ते पर इसका क्या प्रभाव होगा. ऐसे तमाम सवाल अभी भी लोगों के मन के बने हुए हैं.
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