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'स्पेस में भारत की स्थिति मजबूत', दिग्गज अंतरिक्ष यात्री ने की Aditya-L1 मिशन की तारीफ, PM मोदी के नतृत्व और विजन को सराहा

एक समय था जब दुनियाभर में भारत के बारे में धारणा थी कि जो देश अपनी सड़कों का निर्माण नहीं करवा पा रहा, वह अंतरिक्ष में कैसे पहुंचेगा? आज उस धारणा को गलत साबित करते हुए भारत चांद पर पहुंच चुका है. इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करवाते हुए इतिहास रच दिया है. एक बार फिर दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2 सितंबर, 2023 की सुबह 11:50 बजे अपने पहले सौर्य मिशन आदित्य-L1 को लॉन्च किया. यह स्पेसक्राफ्ट सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपने साथ 7 पेलोड ले जा रहा है. यह अंतरिक्ष में करीब 127 दिन की यात्रा के बाद लैंग्रेज पॉइंट 1 पर पहुंचेगा.

भारत के स्पेस प्रोग्राम को कामयाब होता देख अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के पूर्व कमांडर क्रिस हैडफील्ड ने इसरो की तारीफ की है. ANI की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस हैडफील्ड ने कहा, ‘स्पेस कॉमर्स, GPS सैटेलाइट, मौसम उपग्रह, दूरसंचार, चंद्रमा पर खोज, सूर्य पर खोज, यह सब एक जीवनकाल से भी कम समय में हुआ है. इसलिए यह इतनी अधिक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा नहीं है, क्योंकि यह हर किसी के लिए अंतरिक्ष में एक नया अवसर है. हालांकि अब दौड़ वास्तव में इस बारे में है कि कौन टेक्नोलॉजी को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाकर स्पेस बिजनेस को लाभदायक बना सकता है. भारत ऐसा करने के लिए वास्तव में बहुत मजबूत स्थिति में है.’

क्रिस हैडफील्ड ने भारत के स्पेस मिशन की कामयाबी के लिए पीएम मोदी की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वर्षों से यह देखा है. वह इसरो से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. अंतरिक्ष अभियान को बढ़ावा देना भारतीय नेतृत्व की ओर से एक बुद्धिमत्तापूर्ण कदम है. वहीं सरकार स्पेस कारोबार को भी विकसित कर रही है और इसमें निजीकरण को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि व्यवसायों और भारत के लोगों को इसका फायदा हो सके.’

हेडफील्ड ने कहा, ‘चंद्रमा पर उतरने और सूर्य पर यान भेजने या कम से कम सूर्य की निगरानी करने और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार करने का यह उदाहरण, भारत में हर किसी के लिए, बल्कि दुनिया भर में हर किसी के लिए वास्तव में दृश्यमान उदाहरण प्रदान करता है. सबको पता लग रहा कि अभी भारतीय तकनीकी कौशल कहां है और यह आने वाली हर चीज का एक संकेत है.’

क्रिस ऑस्टिन हेडफील्ड कनाडा के अंतरिक्ष यात्री हैं. वह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं. वह इंजीनियर, फाइटर प्लेन पायलट भी रह चुके हैं. अब संगीतकार और लेखक के रूप में सक्रिय हैं. क्रिस ऑस्टिन ने दो अंतरिक्ष शटल मिशन उड़ाए हैं और स्पेस में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कमांडर के रूप में भी काम किया है. हेडफील्ड ने नवंबर 1995 में रूस के एसटीएस-74 मिशन पर विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया था. इस दौरान उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी.

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