केंद्र द्वारा ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ (One Nation One Election) की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए समिति गठित करने के कदम पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार इस बार लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव एक साथ कराकर भी देख ले.
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है. इसी के मद्देनजर हम यह सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले बीजेपी सरकार, इस बार लोकसभा चुनाव और देश की सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव एक साथ कराके देख ले.’
उन्होंने कहा, ‘इससे एक तरफ चुनाव आयोग की क्षमता भी सामने आ जाएगी और जनमत भी. साथ ही बीजेपी को यह भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह पार्टी से आक्रोशित है और उसे सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है.’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा था कि इससे लोकतंत्र की समृद्धि और उसकी स्थिरता सुनिश्चित होगी. सीएम योगी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ प्रक्रिया को एक अभिनव पहल करार देते हुए इसे आज की जरूरत बताया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार भी व्यक्त किया.
सीएम योगी ने शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘देश में स्थिरता अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. ऐसे ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारों की स्थिरता के साथ-साथ विकास के लिए भी एक गतिमान सरकार चाहिए होती है. इस दृष्टि से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ एक अभिनंदनीय प्रयास है.’
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और उसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को पीछे छोड़ आम विमर्श के केंद्र में आ गया है.
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