खेल मंत्री अशोक चांदना के गृह जिले बूंदी में आयोजित हो रही जिला स्तरीय ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल प्रतियोगिताएं अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। यहां खाने-पीने, ठहरने की उचित व्यवस्था तो दूर की बात कोच एवं पीटीआई पर छात्रा खिलाड़ियों के साथ मैच के दौरान अभद्रता के आरोप लग रहे हैं। जिला खेल अधिकारी एवं शगुन होटल संचालक की लापरवाही के चलते केशवराय पाटन ब्लॉक से आई खिलाड़ी छात्राओं को रात के अंधेरे में इधर-उधर भटकने को मजबूर होना पड़ा। मैच के दौरान भी छात्रा खिलाड़ियों को मारने पीटने तक की धमकियां दी गई। बड़ी उम्मीद के साथ ग्रामीण अंचल से जिला स्तरीय ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होने आई छात्राएं रोते हुए वापस अपने गांवों को लौट रही है। लेकिन अफसोस की बालिकाओं एवं छात्राओं के यह आंसू खेल विभाग के अधिकारियों एवं अन्य जिम्मेदारों को नजर ही नहीं आ रहे। उनका तो साफ कहना है कि किसी के साथ कोई दुर्व्यवहार हुआ ही नहीं। किसी भी टीम के साथ कोई गलत निर्णय किया ही नहीं गया। जबकि केशवराय पाटन ब्लॉक से आई खोखो टीम की खिलाड़ियों ने खुलकर कैमरे के सामने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उनके साथ मैच के दौरान कोच एवं रेफरी ने द्वेषतापूर्ण तरीके से निर्णय किए हैं। 1 मिनट के भीतर ही चार खिलाड़ियों को आउट कर देना संदेहास्पद है। खिलाड़ियों एवं उनके साथ आई टीम प्रभारी ने कहा कि उनकी टीम के साथ मैच रेफरी ने भेदभाव करते हुए गलत निर्णय किया है। जिसकी शिकायत भी जिला खेल अधिकारी को की है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही। खिलाड़ी छात्राओं ने कैमरे के सामने ही मैच के दौरान गलत निर्णय का विरोध करने पर रेफरी व कोच द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने एवं मारपीट करने की धमकी देने के भी आरोप लगाए। खो खो टीम के साथ आए टीम प्रभारी ने भी छात्राओं द्वारा कही गई सभी बातों को सत्य करार देते हुए मामले की जांच की बात कही। खिलाड़ी छात्राएं दोपहर बाद तक खेल संकुल में न्याय की उम्मीद लगाए बैठी रही लेकिन इन खिलाड़ी छात्राओं की खैर खबर लेने की जहमत किसी जिम्मेदार ने नहीं उठाई। हालांकि जिला खेल अधिकारी वाईबी सिंह ने सभी आरोपी को सिरे से खारिज कर दिया।
शुक्रवार रात को शगुन होटल में दो अलग-अलग पार्टीयों की बुकिंग होने के बावजूद संचालक ने लापरवाही पूर्ण तरीके से छात्राओं को होटल में ठहराने की जिम्मेदारी ले ली और जब रात को छात्राएं शगुन होटल के बाहर पहुंची तो उनसे कह दिया कि पार्टी समाप्त होने के बाद ही छात्राओं की व्यवस्था हो पाएगी। कुछ देर बाद टेंट के नीचे दरी बिछाकर छात्राओं को कह दिया कि रहना हो तो यहां रहो नहीं तो कहीं भी जा सकते हो। मजबूरन करीब 1 घंटे तक परेशान होने के बाद केशवराय पाटन ब्लॉक से आई खो-खो टीम की बच्चियों नें टीम प्रभारी के रिश्तेदार के घर पहुंच शरण ली। विचारणीय बिंदु यह भी है कि जब होटल शगुन में दो-दो पार्टीयों की बुकिंग की जानकारी जिला खेल अधिकारी को थी तो फिर उन्होंने किसी अन्य स्थान की जगह इसी होटल में छात्राओं के ठहरने की व्यवस्था क्यों की। शनिवार दोपहर को मीडिया को आपबीती बताते हुए कुछ छात्राओं के आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि हमें बूंदी बुलाकर इस तरह से अपमानित किया जाएगा यह हमने सोचा नहीं था।
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