Download App Now Register Now

ISRO में 'नारी शक्ति' का बोलबाला! निगार से लेकर कल्पना तक, आदित्य-L1 और चंद्रयान 3 में निभाई अहम भूमिका

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO हाल के दिनों में अपनी सफलता की नई कहानी लिख रहा है. लेकिन अब कई प्रमुख मिशनों की सफलता के पीछे ‘नारी शक्ति’ का हाथ सामने आ रहा है. जहां कल्पना कालाहस्ती चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) लैंडिंग मिशन की सफलता के पीछे के चेहरों में से एक थीं, वहीं निगार शाजी आदित्य-एल1 (Aditya-L1) के परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले सौर मिशन का नेतृत्व कर रही हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार सुबह श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद, परियोजना निदेशक निगार शाजी, जो पिछले आठ सालों से इस जटिल मिशन को संभाल रही हैं, ने इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और निदेशकों को उनकी टीम पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा ‘मैं इस मिशन का हिस्सा बनकर वास्तव में सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं.’

उन्होंने आगे कहा ‘टीम आदित्य-एल1 के लिए यह एक सपना सच होने जैसा है. आदित्य-एल1 के सौर पैनल अब तैनात कर दिए गए हैं और अंतरिक्ष यान ने एल1 (बिंदु) तक अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है.’ उन्होंने आगे कहा ‘आदित्य एल1 के चालू होने के बाद, यह हेलियोफिजिक्स के साथ-साथ वैश्विक वैज्ञानिक बिरादरी के लिए एक संपत्ति होगी.’

इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव के योगदान को याद करते हुए शाजी ने कहा ‘मैं हमारे महान वैज्ञानिक प्रोफेसर यू आर राव को याद करना चाहूंगी जिन्होंने इस मिशन के लिए बीज बोया था.’ बता दें कि यू आर राव को भारत के उपग्रह कार्यक्रम का जनक कहा जाता है. इनके नाम पर बेंगलुरु उपग्रह केंद्र का नाम बदल दिया गया है. शाजी ने उस विशेषज्ञ समिति को भी धन्यवाद दिया जो पूरे मिशन में परियोजना टीम का मार्गदर्शन कर रही है.

तमिलनाडु की मूल निवासी, 59 वर्षीय शाजी ने अपनी स्कूली शिक्षा वहां के एक सरकारी स्कूल से की और 10वीं में जिला प्रथम और 12वीं कक्षा में स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया. तिरुनेलवेली के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद, शाजी ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची से एम.टेक पूरा किया और 1987 में इसरो में शामिल हो गईं.

तमिलनाडु के तेनकासी के रहने वाले शाजी राज्य के उस प्रतिष्ठित नामों की सूची में शामिल हो गईं हैं, जिन्होंने मून मिशन का नेतृत्व किया था. इस लिस्ट में मयिलसामी अन्नादुरई, एम वनिता और पी वीरमुथुवेल शामिल हैं. इसरो में अपने 35 साल के कार्यकाल के दौरान, शाजी ने पहले विभिन्न जिम्मेदारियों पर भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतरग्रहीय उपग्रह कार्यक्रमों में बहुत बड़ा योगदान दिया था. वह रिसोर्ससैट-2ए की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थीं, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है और उन्होंने इमेज कम्प्रेशन और सिस्टम इंजीनियरिंग पर कई पेपर लिखे हैं.

शाजी की तरह, चंद्रयान -3 मिशन के उप परियोजना निदेशक के रूप में कल्पना ने भारत की तीसरे मून मिशन के जटिल विवरणों का सावधानीपूर्वक निरीक्षण किया. उनके पूर्व अनुभव में भारत के दूसरे चंद्र मिशन और मंगलयान मिशन में योगदान शामिल था. उनसे पहले, एम वनिता चंद्रयान -2 मिशन की परियोजना निदेशक और रितु करिधल श्रीवास्तव मिशन निदेशक थीं. जिसे 2019 में तत्कालीन अध्यक्ष के सिवन के तहत लॉन्च किया गया था.

वहीं लखनऊ की रहने वाली रितु करिधल मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशंस मैनेजर थीं और उन्हें 2007 में इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड मिला था. प्रमुख भूमिकाओं के अलावा, इसरो के लगभग सभी मिशनों में बड़ी संख्या में महिलाएं बड़े स्तर पर काम कर रही हैं. एक अनुमान के मुताबिक, अंतरिक्ष एजेंसी में 16,000 से अधिक कर्मचारियों में से लगभग 20-25% महिलाएं हैं.

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
राजस्थान विधानसभा का तीसरा सत्र, राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत, हंगामे के आसार | राजस्थान में नई आबकारी नीति लागू, 4 साल तक चलेगी, दस कमरों वाले होटल्स में भी बार की अनुमति | राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी आर्थिक सर्वेक्षण | दिल्ली में उलेमा बोर्ड की बड़ी तैयारी, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सक्रियता बढ़ाई | दिल्ली में उलेमा बोर्ड की बड़ी तैयारी, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सक्रियता बढ़ाई | दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा | विधानसभा उपचुनाव में वसुंधरा-पायलट की भूमिका होगी अहम, बीजेपी-कांग्रेस के ये दिग्गज भी दिखाएंगे अपना दम! | करंट से युवक की मौत, मासूमों के सिर से उठा पिता का साया गम मे बदली दिवाली की खुशियां | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला | जल्द ही बड़ी खुशखबरी : सरकारी कर्मचारियों के तबादलों से हटेगी रोक! भजनलाल सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला |