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उत्तर प्रदेश में भी नक्सल संगठन फैलाने का था प्लान, NIA के रडार पर स्टूडेंट विंग के कई नेता, जल्द होगी पूछताछ

 

उत्तर प्रदेश में छात्र संगठनों से जुड़े कुछ संदिग्ध लोगों का प्रतिबंधित नक्सल संगठन से जुड़े होने के कई सबूत केंद्रीय जांच एजेंसी NIA की तफ्तीश में सामने आए हैं. लिहाजा इस मामले में बेहद सतर्कता से जांच पड़ताल की जा रही है. दरअसल केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए यूपी में अपना पांव पसारने की कोशिश में जुटे कुछ नक्सली संगठनों के खिलाफ मंगलवार को करीब 8 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. उसी सर्च ऑपरेशन के दौरान कई ऐसे सबूत जैसे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को जब्त किया गया है. शुरुआती जांच में यह पता चला है कि उत्तर प्रदेश में कई छात्र संगठनों में कार्यरत युवाओं के बीच कई ऐसे संदिग्ध लोग भी हैं जिनका संबंध सीधे तौर पर नक्सली संगठनों के साथ से था

ऐसे  लोग युवाओं को भड़काकर उन्हें देश विरोधी और भारत सरकार के खिलाफ साजिश करने के लिए तैयार करने की साजिश रच रहे थे. इसी मामले में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी , आजमगढ़ , प्रयागराज , चंदौली , देवरिया सहित कई अन्य जिलों में नक्सली संगठनों से जुड़े कनेक्शन को खंगालने के लिए सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था.

जांच एजेंसी से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी ने इस ममले में बताया कि तफ्तीश का दायरा काफी आगे बढ़ने वाला है क्योंकि कई राज्यों से नक्सलियों के संगठन का खात्मा हो रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में जिस तरह से ये नक्सल संगठन अपना पांव पसारने की कोशिश में जुटे हुए हैं, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. खासतौर पर  जिस तरह से छात्र संगठनों के बीच ये प्रतिबंधित संगठन अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटे हुए थे. उससे जुड़े मामले में तमाम इनरपुट्स और जब्त किए गए है. सबूतों के आधार पर जल्द ही कई लोगों को पूछताछ का समन भेजा जाएगा. उन आरोपियों से पूछताछ के बाद कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. पिछले महीने ही इसी मामले में एनआईए की  लखनऊ ब्रांच की टीम ने बिहार में दबिश देकर रोहित विद्यार्थी नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया था. उससे हुआ विस्तार से पूछताछ के बाद उसके भाई रितेश विदार्थी की पत्नी का नाम भी दर्ज किया गया था. इसके साथ ही स्थानीय पुलिस की मदद से नक्सल नेता प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था .

जांच एजेंसी को पिछले साल इस नक्सल गतिविधियों से संबंधित मामले की जानकारी मिली थी. उसके बाद इसी साल जनवरी 2013 में लखनऊ की एनआईए ब्रांच ने एक एफआईआर दर्ज किया था. दर्ज एफआईआर में मनीष आजाद , रितेश विदार्थी  सहित कई अन्य आरोपियों का नाम दर्ज था, जिसमें विश्वविजय और उसकी पत्नी  सीमा आजाद , अमिता शीरीन जो आरोपी मनीष आजाद की पत्नी है, इसके साथ ही कृपा शंकर ,  सोनी आजाद जो रितेश आजाद की पत्नी है, आकांक्षां आजाद , राजेश आजाद सहित कई प्रमुख आरोपियों का नाम इस मामले में सामने आया. जांच एजेंसी हालांकि कई बड़े स्तर के कुछ अन्य आरोपियों के नाम का खुलासा अभी नहीं कर रही है, क्योंकि इस मामले में तफ्तीश लगातार की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद उन प्रमुख नामों का खुलासा किया जाएगा.

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