हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में कमांद स्थित आईआईटी संस्थान में रैंगिंग का मामला सामने आया है. सीनियर बैच के छात्रों ने प्रथम बैच के छात्रों के साथ रैगिंग की है. बताया जा रहा है कि यह रैगिंग पिछले महीने फ्रेशर पार्टी के दौरान हुई थी, जिसकी शिकायत संस्थान के एंटी रैगिंग सेल में की गई थी.
इसके बाद संस्थान ने 72 छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए 10 छात्रों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, घटना 11 अगस्त को हुई थी. आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीदत्त बेहरा ने 20 अगस्त को रैगिंग लेने वाले सभी छात्रों को एक मेल भेजा था, जिसमें इन छात्रों द्वारा लक्ष्मण रेखा को पार करने का जिक्र किया गया था.
संस्थान के मुताबिक 72 विभिन्न संकाय के छात्रों को दोषी पाया गया है. दोषी पाए गए कुछ छात्रों को जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं, कुछ छात्रों का निलंबन भी किया गया है. 10 निलंबित छात्रों में से तीन छात्र संगठन के पदाधिकारी भी है. इन तीन छात्रों के पद भी छीन लिए गए हैं और उनसे हॉस्टल भी खाली करवा दिए हैं.सूत्रों के मुताबिक सजा पाने वाले सीनियर स्टूडेंट ने संस्थान से सजा पर पुनर्विचार की अपील की है.
बताया जा रहा है कि 11 अगस्त को सीनियर स्टूडेंट द्वारा आयोजित फ्रेशर मिक्सर के दौरान अज्ञात शिकायतों की जांच के आधार पर आईआईटी मंडी ने यह कार्रवाई की है. संस्थान को मिली शिकायतों में कथित तौर पर मीट के दौरान प्रथम वर्ष के छात्रों ने सीनियर स्टूडेंट्स पर रैगिंग और उन्हें कोने में खड़ा करने के आरोप लगाए हैं. जबकि सीनियर स्टूडेंट ने यह कह कर अपना बचाव किया है कि यह आमतौर पर हर साल फ्रेशर मिक्सर के दौरान होने वाला एक मजाक था, जिसे गलत समझा जा रहा है.
संस्थान की ओर से पुलिस के पास बीते महीने हुए इस रैगिंग की कोई भी शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है. पुलिस के मुताबिक फरवरी माह में संस्थान के एंटी रैगिंग सेल द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है. जिसके बाद अभी तक कोई और शिकायत पुलिस के पास नहीं पहुंची है. इस बारे में आईआईटी मंडी की तरफ से आने वाले जबाव का इंतजार किया जा रहा है.
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