दौसा जिले के गणेशपुरा ग्राम पंचायत में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पहले तो सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी ने अपनी ही ग्राम पंचायत में रोड बनवा दी और अब आपसी सहमति की बात नहीं होने की बात कहकर बनी रोड को उखाड़ रहे है। सरकार राजस्व को पलीता लगा रहे है।ग्राम पंचायत गणेशपुरा का एक अजीब मामला सामने आया है,जहा पांच पांच लाख के तीन ऑर्डर देकर ग्राम पंचायत गणेशपुरा में रोड तो बनवा दी। लेकिन उसी रोड को उखाड़ने में लगे हैं। गणेशपुरा ग्राम पंचायत सरपंच ओमप्रकाश सैनी का कहना है कि सड़क के दोनों तरफ खातेदारों की सहमति से रोड बनाया था अब एक तरफ का खातेदार तो रोड बनाने के लिये साढ़े 7 फ़ीट जमीन पर सहमति दे रहा है लेकिन दूसरी तरफ लोगों ने प्लाट खरीद लिए हैं उनकी बिना लिखित रजामंदी किये बगैर सड़क का निर्माण करा दिया। अब वह लोग साढ़े 7 फीट जमीन नहीं दें रहे है। तो रोड उखाड़ना पड़ रहा है, और रोड के लिए दिए गए आदेश भी आनन फानन में निरस्त कर दिए गए हैं। अब बड़ा सवाल ये है कि रोड बनाने से पहले आखिर क्यों ग्राम पंचायत गणेशपुरा ने बनने वाली रोड के दोनों तरफ के खातेदारों से सहमति नहीं ली, क्या सहमति लेने से पहले ही वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया, या फिर मामला कुछ और है। गणेशपुरा ग्राम पंचायत ग्रामीणों को सुविधा देने के लिए रोड बनाई गई और अब उसी रोड को उखाड़ने से ग्रामीण नाराज हैं ग्रामीण ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि उन लोगों ने अपनी तरफ से साढ़े 7 फ़ीट जमीन देने की सहमति दे दी है। अब दूसरी तरफ से सहमति वह लोग दे जिनकी जमीन है ऐसे में अब ग्राम पंचायत गणेशपुरा का पहले रोड बनाना और बाद में रोड को उखाड़ना संदेह के घेरे में है जिसकी जांच होनी चाहिए। आखिर क्यों पांच पांच लाख के 3 टेंडर करके वहां तक रोड बनाया गया। जहां पर ग्रामीणों की आम सहमति नहीं थी और अब क्यों रोड उखड़ा जा रहा है ये बड़ा सवाल है। वही ग्रामपंचायत के लोगो में अब रोष व्याप्त है। और अब इसकी शिकायत ऊपर तक कर दूध का दूध और पानी का पानी कर के रहेंगे की बात कह रहे है। फ़िलहाल ग्राम पंचायत द्वारा बनाई सुविधा सड़क को बाहर भीतर कर उखाड़ा जा रहा है और सड़क निर्माण में लगे पैसों का सरकार को पलीता लगाया जा रहा है।