पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की G20 ग्रुप की अध्यक्षता के वक्त में जो कोशिशें की हैं, उनका नतीजा अब दिखाई देने लगा है. अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देश मध्य पूर्व इलाके को भारत और यूरोप से जोड़ने के लिए एक प्रमुख रेलवे और बंदरगाह परियोजना के निर्माण के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. अमेरिकी अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी है. न्यूज एजेंसी ‘एएफपी’ के मुताबिक अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर (Jon Finer) ने कहा कि ‘एक शिपिंग और रेल परियोजना की संभावना का पता लगाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया जाएगा. जो भारत से मध्य पूर्व से यूरोप तक बिजनेस, एनर्जी और डेटा के प्रवाह को सक्षम करेगा.’
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने नई दिल्ली में मीडिया से कहा कि सऊदी अरब और भारत के साथ-साथ इस परियोजना में प्रमुख हिस्सेदारों में संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय संघ शामिल होंगे. यह समझौता वाशिंगटन के सऊदी अरब के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने और उसे इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ आया है. फाइनर ने कहा कि ‘यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौता महीनों की सावधानीपूर्वक शांत कूटनीतिक कोशिशों का नतीजा है.’ फाइनर ने कहा कि ‘इस परियोजना में अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, मुझे नहीं पता है.’
बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर चर्चा करने का समझौता शिखर सम्मेलन के सबसे ठोस नतीजों में से एक हो सकता है. क्योंकि जी-20 देशों के नेता यूक्रेन में रूस के हमले के मुद्दे पर विभाजित हैं और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए एक समझौता तय होने पर गतिरोध की हालत हैं. फाइनर ने रिपोर्टरों से कहा कि ‘जबकि हम सभी ने पढ़ा है और शायद आप सभी ने इस बारे में बहुत सारे विश्लेषण लिखे हैं कि शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली में कौन आया है या नहीं आया, और ऐसा क्यों या क्यों नहीं हो सकता है. अमेरिका इस तथ्य पर फोकस कर रहा है कि राष्ट्रपति बाइडेन यहां हैं और वास्तविक नतीजे हासिल करने के लिए अन्य जी-20 देशों और साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं.’
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