उत्तर प्रदेश की बरेली पुलिस ने एक पिता को अपने ही बेटे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. सनसनीखेज हत्याकांड के लिए पिता ने बकायदा सुपारी देकर किलर बुलाए थे और फिर वारदात को हादसे का रूप देने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग हुई थे, लेकिन मृतक हरपाल की पत्नी के शक ने आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.
दरअसल बरेली जनपद में नवाबगंज थाना क्षेत्र के विजौरिया गांव के रहने वाले हलवाई हरपाल का शव 15 जुलाई 23 को थाना देवरनियां के भोपतपुर के पास सड़क किनारे अज्ञात अवस्था मे मिला था और बाइक भी क्षतिग्रस्त मिली थी. इस घटना को पुलिस ने हादसा मानकर पोस्टमार्टम कराया था, जबकि मृतक की पत्नी गीता ने 30 जुलाई 23 को देवरनियां थाना पुलिस को तहरीर दी कि चार लोगों पति की हत्या कर दी है. पत्नी ने पति की हत्या में भानू, गजेंद्र, महेंद्र और श्यामाचरण के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
पुलिस को तहरीर देते हुए मृतक हरपाल की पत्नी गीता ने बताया कि हत्याकांड वाले दिन मृतक हरपाल ने उसे बताया था कि भानू और वो साथ में हैं और जल्दी घर लौट रहे हैं. लेकिन हरपाल घर नहीं लौटा. वहीं अगले दिन उनका शव सड़क किनारे मिला. इधर देवरनियां थाने पुलिस ने हादसा मानते हुए शव का पोस्टमार्टम करा दिया. लेकिन पीड़ित पत्नी ने जब हत्या के पीछे की वजह बताई तब पुलिस ने मामला दर्ज करते जांच शरू की. पुलिस की जांच में मामला हादसा नहीं हत्या था.
पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि हत्या के पीछे एक प्लाट था, जिसे मृतक हरपाल और उसके पिता दोनों बेचना चाहते थे और दोनों को एक दूसरे से हत्या की आशंका थी. इस आशंका के चलते पिता ने ही अपने बेटे की हत्या की साजिश रची और उसकी 3 लाख में सुपारी भी दे दी. पुलिस की जांच में सामने आया कि पिता अशरफी लाल ने बेटे की हत्या की सुपारी देकर हत्या करा दी और हादसे दे दिया गया. पुलिस ने हत्यारोपी पिता को गिरफ्तार करने के बाद इसका खुलासा किया. वहीं सुपारी लेकर हत्याकांड करने वाले चारों आरोपी भानू, गजेंद्र, महेंद्र और श्यामाचरण फरार हैं. पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है.
वहीं पूरे मामले को लेकर इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह धामा ने बताया कि मृतक के पिता का नाम जांच में सामने आया. आरोपी पिता अशरफी लाल ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके नाम एक प्लॉट है, जिसकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है. जिसे दोनों पिता-पुत्र बेचना चाह रहे थे. दोनों को ही अपनी-अपनी हत्या का अंदेशा था. इसलिए सुपारी देकर हत्या करा दी और हादसे का रूप दिया गया. पिता ने अपने बेटे हरपाल की हत्या करने के लिए भानू, गजेंद्र, महेंद्र और श्यामाचरण को 3 लाख रुपये सुपारी दी थी. इन चारों ने ईंट से कुचल कुचल कर हत्या कर दी थी. इसके बाद हादसे का रूप देने के लिए बाइक को ट्रैक्टर से कुचल दिया था.
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