इस वक्त आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 1995 में छपरा में एक पोलिंग बूथ के पास बिहार विधानसभा चुनाव के समय अपने विरोधी दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या मामले में प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने दोहरे हत्याकांड मामले में जनता दल (यूनाइटेड) या जद (यू) के तीन बार के सदस्य और महाराजगंज से एक बार के राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया है.
बता दें, बिहार में निचली अदालत और पटना हाईकोर्ट से प्रभुनाथ सिंह को राहत मिली थी. लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के चुनाव में प्रभुनाथ सिंह की मर्जी से वोट नहीं करने पर छपरा के मसरख में राजेंद्र राय और दारोगा राय की हत्या के केस में पूर्व सांसद को दोषी ठहराते हुए सजा पर बहस के लिए एक सितंबर की तारीख तय की है. बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को कहा है कि वो प्रभुनाथ को उस दिन कोर्ट में पेश कर सुनिश्चित करे.
कोर्ट ने कहा कि हमने पटना उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और प्रतिवादी नंबर 2 प्रभुनाथ सिंह को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या के लिए धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया है. हम बिहार के गृह सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को प्रभुनाथ सिंह को गिरफ्तार करने और सजा के तर्क पर सुनवाई की अगली तारीख पर हिरासत में इस अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश देते हैं. अदालत ने छह अन्य सह-अभियुक्तों को बरी करने की पुष्टि की और सिंह को सजा की मात्रा पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 1 सितंबर तय की.
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