जयपुर ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी खबर हम आपको बताएंगे आईएएस सोनिया मीणा की स्टोरी। आईएएस सोनिया मीणा राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली है और मध्यप्रदेश कैडर की 2013 बैच की आईएएस अधिकारी है। जिनकी ऑल इंडिया 36वीं रैंक थी। सोनिया मीणा की कार्यशैली ऐसी है कि एमपी में उनकी छवि एक दबंग आईएएस के रूप में है। उनकी ओर से भूमाफिया और खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से वहां के खनन माफिया भी थर्राते हैं। सोनिया मीणा आईएएस से पहले आईपीएस के रूप में सलेक्ट हुई। हैदराबाद एकेडमी ज्वॉइन की और आईएएस की तैयारी के लिए एक साल की छुट्टी ले ली। एक साल बाद वह फिर आईएएस के रूप में सलेक्ट हुई और एमपी कैडर मिला।
मौत की धमकी के बाद भी खनन माफियाओं को सलाखों में धकेला एमपी डकैतों के लिए कुख्यात रहा है। वहां की रेतीली ओर पथरीली भूमि को खोदकर खनन माफिया अपना राज चला रहे थे। इन खनन माफियाओं की हरकतों से परेशान होकर महिला आईएएस अधिकारी सोनिया मीणा ने साहस दिखाया और कठोर कदम उठाए। माफियाओं की ओर से बंदूक दिखाए जाने के बाद भी उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और लगातार कार्रवाई की। खनन माफियाओं ने उन्हें फोन पर धमकी दिलवाई लेकिन उन्होंने इसकी परवाह किए बिना खनन माफियाओं को सलाखों के पीछे भिजवाया। फरवरी 2017 में खनन माफियाओं पर कार्रवाई के बाद शाम 5 बजे दफ्तर लौटने लगी तो अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर को थाने ले जाने का निर्देश दिया। तभी ट्रैक्टर मालिक अर्जुन सिंह भी आ पहुंचा। अर्जुन सिंह ने आते !
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