पत्रकार विमल यादव हत्याकांड की साजिश सुपौल और अररिया जेल में बंद अपराधियों ने रची थी. पत्रकार हत्याकांड में बड़ा खुलासा करते हुए अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सुपौल जेल में बंद रूपेश यादव और अररिया जेल में बंद क्रांति यादव उर्फ उमेश यादव ने ही अपने साथियों के साथ हत्या की साजिश रची थी. एसपी ने बताया कि आठ नामजद आरोपियों में चार को गिरफ्तार कर लिया गया है और इन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है.
अररिया एसपी के अनुसार, मृतक के पिता हरेंद्र यादव ने कुल 8 लोगों पर केस दर्ज करवाया है. इनमें 4 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गयी है, वहीं दो मुख्य अभियुक्त माधव यादव और अर्जुन शर्मा अभी भी फरार है. जबकि; जेल में बंद दोनों अपराधियों को अररिया पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है.
बता दें कि अररिया पुलिस ने इन गिरफ्तार आरोपियों के नाम बताए हैं. इनमें विपिन कुमार यादव जो भरना थाना भरगामा के छेदी यादव के बेटे हैं. वहीं, बेलसर थाना रानीगंज के भावेश यादव को गिरफ्तार किया गया है. इसके पिता का नाम लस्सी यादव है. तीसरा आरोपी आशीष यादव बेलसर थाना रानीगंज का रहनेवाला है. इसके पिता का नाम देवानंद यादव है. वहीं, चौथा आरोपी उमेश यादव कोशिकापुर उत्तर थाना रानीगंज का निवासी है और वह तेज नारायण यादव का पुत्र है.
पुलिस ने जानकारी दी है कि इन नामजद दो में दो अभियुक्त वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में बंद है. जिनमें से रूपेश यादव वर्तमान में सुपौल में जेल में बंद है. वहीं, उमेश यादव उर्फ क्रांति यादव अररिया जेल में बंद है. इन दोनों अभियुक्तों को भी विधिवत रिमांड पर लेने की कार्यवाही की जा रही है.
पुलिस ने बताया कि पत्रकार विमल कुमार यादव के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के फर्द बयान के आधार पर रानीगंज थाना कांड संख्या 338/2023 में धारा 302, 120 बी, 34 भारतीय दंड विधान एवं 27 शस्त्र अधिनियम नियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है. जिन 8 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, उनमें से 4 को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि शुक्रवार अहले सुबह चार बजे चार की संख्या में आए अपराधियों ने रानीगंज स्थित विमल यादव के घर पहुंचकर उसे घर से बाहर बुलाया और सीने में ताबड़तोड़ गोलियां दाग दीं. सबसे खास बात यह कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपराधी बड़े आराम से चलते बने. विमल अपने छोटे भाई के हत्या केस में विमल गवाह थे और सुपौल जेल से उनको फोन पर धमकी दी जा रही थी.
यहां यह भी बता दें कि अपराधियों ने 2019 में पत्रकार विमल के छोटे भाई शशिभूषण यादव उर्फ गब्बू यादव की हत्या कर दी थी. वह सरपंच थे. पत्रकार विमल उस केस में गवाह थे. आशंका जताई जा रही है कि उसी मामले में पत्रकार की हत्या हुई है. इस मामले में अभी ट्रायल चल रहा है, जिसकी सुनवाई 19 अगस्त यानी आज सुनवाई होने वाली थी.
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