6 जनवरी 2021 के दिन को अमेरिकी इतिहास में एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है, इस दिन राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के विरोध के लिए कैपिटल बिल्डिंग पर दंगाइयों ने हमला बोल दिया था. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मामले को लेकर को लेकर अमेरिका अभियोजन पक्ष ने इससे जुड़े ‘प्राउड बॉयज’ संगठन के पूर्व अध्यक्ष हेनरी ‘एनरिक’ टैरियो और नेता जो बिग्स के लिए 33 साल की सजा की मांग की है. यही नहीं धुर दक्षिण चरमपंथी संगठन के दूसरे शीर्ष सदस्यों के लिए भी दो से तीन दशक की कैद की मांग की है.
रिपोर्ट के मुताबिक सहायक अमेरिकी अटॉर्नी जेसन मैकुलॉ और कॉनर मुलरो ने लिखा ‘प्रतिवादियों की साजिश का दायरा बहुत बड़ा है, प्रतिवादियों ने हमारे लोकतंत्र के दिल पर हमला किया और करीब 200 लोगों की सेना को संगठित और निर्देशित किया, अमेरिकी इतिहास में इस अपराध की तुलना नहीं की जा सकती है.’ उन्होंनें कहा कि ‘प्राउड बॉयज’ नेताओं ने जानबूझकर देश में हुई इस राजनीतिक हिंसा के नेतृत्व में खुद को सबसे आगे रखा.’
अभियोजक ने इस मामले में अमेरिका के जिला न्यायाधीश से कड़ी सजा की मांग की, ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसा करने वालों के लिए उदाहरण पेश किया जा सके. आतंकवाद और पुलिस पर हमले को लेकर यह अब तक की सबसे लंबी सजा की मांग है. इस महीने के अंत में ‘प्राउड बॉयज’ नेता दंगा भड़काने के मामले में सजा पाने वाले पहले व्यक्ति होंगे. क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमले के मामले में संघीय रूप से दोषी ठहराया गया था. दरअसल वकीलों का कहना था कि अमेरिकी लोकतंत्र पर हुआ यह हमला ट्रंप के झूठ से प्रेरित था. अभियोजन पक्ष के मुताबिक यह हमला तब हुआ जब ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल पर चढ़ाई कर, नवंबर 2020 के चुनावी नतीजे पलट देने का आह्वान किया.
अभियोजकों ने अदालत से टैरियो और उसके शीर्ष लेफ्टिनेंटों के लिए कुल सजा से अधिक की सजा देने के लिए कहा जिस पर बचाव पक्ष ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं कि कैपिटल में प्रवेश करने और हिंसा करने के लिए टैरियो ने निर्देशित किया. वकील नायब हसन ने लिखा, ‘टैरियो वाशिंगटन डी.सी. में घटनास्थल पर मौजूद भी नहीं था; उन्होंनें प्राउड बॉयज के अपने साथी सदस्यों या किसी अन्य को उस दिन लोगों पर हमला करने या किसी सरकारी संपत्ति को नष्ट करने का निर्देश नहीं दिया था.’ यही नहीं बचाव पक्ष ने टैरियो के पिछले सामाजिक कार्यों और कानून के प्रति अपने समर्पण का भी हवाला दिया. बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि प्रतिवादी कोई आतंकवादी नहीं है, बल्कि भटके हुए देशभक्त हैं जिनकी वजह से कांग्रेस के वोटों की गिनती में कई घंटो की देरी हुई, जो ट्रंप के दावे से प्रभावित थे.
टैरियो और उनके साथी प्राउड बॉयज के आखरी 14 सदस्य थे, जिन्हें कैपिटल उल्लघंन के मामले में दोषी पाया गया था, इस मामले में करीब 1100 लोगों की हिरासत में लिया गया था और करीब 700 लोगों को दोषी पाया गया. टैरियो और ओथ कीपर के संस्थापक और नेता स्टीवर्ट रोड्स जिन्हें मई में 18 साल की सजा सुनाई गई थी, जो हमले के मामले में सबसे लंबी सजा थी. कैपिटल की घेराबंदी के मामले में यह सबसे ऊंची प्रोफाइल वाले व्यक्ति थे.
गौरतलब है कि टैरियो पहले ऐसे व्यक्ति थे जो कैपिटल में उपस्थित नहीं होने के बावजूद उन्हें अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. सरकार का आरोप था कि उन्हें वॉशिंगट डीसी में एक दिन पहले ट्रंप रैली में चुराए गए ब्लेक लाइव्स मैटर झंडे को जलाने के मामले में लंबित मुकदमे होने के बाद निकाले जाने के बाद वह बाल्टीमोर में देखे गए थे.
समूह के नेताओं को अमेरिकी सरकार का हिंसक विरोध करने का दोषी ठहराया गया है, जिसमें संवैधानिक रूप से निर्धारित राष्ट्रपति शक्ति का हस्तांतरण भी शामिल है. दरअसल अक्टूबर 2020 के राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी, ‘प्राउड बॉयज, स्टैंड बैक एंड स्टैंड बाई’ के बाद इसमें कई लोग शामिल हुए थे और इसे लेकर लोगों की रूचि बढ़ी थी. इस टिप्पणी के समर्थन के कारण हंगामा मचने के बाद, ट्रंप ने प्राउड बॉयज की निंदा करते हुए कहा कि वह उनके बारे में ‘ज्यादा नहीं जानते’.
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