हिमाचल प्रदेश में बीते सप्ताह से हो रही बारिश की वजह से जानमाल का काफी नुकसान हुआ है. सूबे के मंडी जिले पर भी बारिश कहर बनकर टूटी है. मंडी जिले के सरकाघाट में पटड़ीघाट में जहां पहाड़ दरका है. वहीं, सरकाघाट के ही रोपड़ी के पास कंडौल गांव में भी लोग डर के साए में जी रहे हैं. यहां पर कई घरों में दरारें आ गई हैं. लोगों का कहना है कि सरकाघाट में फौजियों के गांव को प्रशासन भूल गया है.
कंडौल गांव के 64 साल के पूर्व सैनिक नारायण दत्त पर भी बारिश आफत बनकर टूटी है. उन्होंने पूरी जिंदगी की कमाई मकान में लगा दी. अब मकान टूटने के कगार पर है. घर में दरारें आ चुकी हैं. उनका कहना है कि प्रशासन एक तिरपाल भी नहीं दे पाया है. 6 दिनों से परेशान पूर्व सैनिक नारायण दत्त ने बताया कि 35 साल फौज में नौकरी की. डोगरा रेजिमेंट में रहे. जम्मू-कश्मीर और सियाचिन ग्लेशियर में भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि कंडौल गांव में हर दूसरे घर से एक फौजी है. वह खुद डोगरा रेजिमेंट से लांस नायक के पद से सेवानिवृत हुए हैं.
कहा कि सियाचिन में ड्यूटी देने में डर नहीं लगा था. गोली का भी कभी डर नहीं था. लेकिन अब इस आपदा और प्रशासन के रवैए से डर लग रहा है. 6 दिन दीया जलाकर गुजारा किया है, लाइट नहीं है. प्रशासन के किसी अधिकारी ने गांव का हाल नहीं पूछा. नेताओं ने भी गांव की सुध नहीं ली है. गांव के अन्य लोगों का भी कहना है कि वोट लेने के लिए नेता आ जाते हैं. लेकिन अब कोई पूछने नहीं आ रहा है.
बता दें कि पाटी गांव में कई घरों पर चट्टानें गिरने का खतरा है. ऐसे में लोग तंबू लगाकर रह रहे हैं. साथ ही घरों में दरारें भी आ गई हैं. सरकाघाट से गांव की दूरी 15 किमी है. फिलहाल, लोग मदद की आस में बैठे हुए हैं. मुख्य मार्ग को भी गांव के युवाओं ने खुद साफ किया है.
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