शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित हिना रिसोर्ट में संपन्न हुए एक दिवसीय संभाग स्तरीय कौमी एकता कार्यक्रम में गांधीवादी वक्ताओं ने आपसी भाईचारे और धर्म सहिष्णुता की संस्कृति को देश के लिए वर्तमान समय में सबसे जरूरी और प्रासंगिक बताया।
जिले में आयोजित संभाग स्तरीय कौमी एकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया के इस जमाने में युवा तथ्यों का महत्त्व समझें और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाली कोई भी बात सामने आने पर तत्काल फैक्ट चैक कर सही तथ्यों को लोगों तक पहुंचाने का काम करें। गलत तथ्य प्रचारित करने वालों की सूचना भी प्रशासन को प्रेषित करें। युवाओं के सामने आधा सत्य परोसा जाता है जो झूठ से भी अधिक खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 2500 महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्र खोले जाएंगे तथा 50 हजार सेवा प्रेरकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी युवा यह संकल्प लें कि किसी भी सूरत में राजस्थान में सांप्रदायिक माहौल को बिगड़ने नहीं देंगे और गांधी-नेहरू के सपनों का ऎसा देश बनाएंगे, जिसमें जाति और धर्म के भेद से परे हर व्यक्ति को विकास के समान अवसर उपलब्ध हों। उन्होंने दो अक्टूबर को जयपुर में होने वाली अहिंसा रैली में अधिक से अधिक संख्या में शिरकत करने का भी आह्वान किया।
कार्यक्रम में जिला संयोजक शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ धर्मेंद्र शर्मा भी अपने ने विचार व्यक्त करते हुए हुए कहा कि महात्मा गांधी का जीवन दर्शन हमेशा शांति एवं सद्भाव हेतु मार्गदर्शन करता है और अंतिम व्यक्ति तक किसी भी योजना की पहुंच सुनिश्चित करने की सोच गांधी दर्शन से ही आती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों से समझाया कि हमें बुरी चीजों से निकलना है, अच्छे की ओर बढना है। ऎसा करेंगे तो हम स्वतः ही आपसी भाईचारे और प्रेम से युक्त समाज की दिशा में काम कर सकेंगे।
विशिष्ट अतिथि अल्बर्ट विलियम ने विभिन्न उद्धरणों और उदाहरणों के जरिए बताया कि धर्म जुनून नहीं, सुकून देता है। कोई भी मजहब बुरी बातें नहीं फैलाता है, यह हमेशा हमें ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने के लिए निरतंर सजग और सक्रिय रहकर प्रयास करने होंगे। सभी धर्मों में प्यार-मुहब्बत को सबसे बड़ी चीज माना गया है।
विशिष्ट अतिथि प्राचार्य पीजी कॉलेज एस के जैन ने बताया कि देश, काल और परिस्थिति के अनुसार जो सबके हित की बात हो, वही धर्म है। उन्होंने कहा कि हमें केवल अपने ही नहीं, अपितु प्राणिमात्र के भले की बात सोचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास इस बात का गवाह है कि सांप्रदायिक सद्भा, कौमी एकता, अनेकता में एकता, विविधता में एकता और धार्मिक सहिष्णुता इस देश की आत्मा है। हमारे पूर्वजों ने जो आजादी और प्रगतिशील सोच हमें दी है, उसे और आगे बढाना है।
इस दौरान विभिन जिलों से पधारे अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में संभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस दौरान बड़ी संख्या में करौली, गंगापुरसिटी, भरतपुर जिलों के गांधीवादी कार्यकर्ता, नागरिक मौजूद थे।
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