लद्दाख के लेह में सेना का वाहन खाई में गिरने से शहीद हुए 9 सैनिकों में एक हरियाणा के रोहतक जिले के गद्दी खेड़ी गांव का रहने वाला अंकित भी था, जिसे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
अंकित के पार्थिव शरीर को लेकर आने वाले सेना के जवानों ने अपने साथी की शहादत पर दुख जाहिर किया. लेकिन यह भी कहा कि किस्मत वालों को शहीद होने का गौरव मिलता है और उन्हें फख्र है कि उनके साथी ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है. कई राजनीतिक लोगों ने भी पहुंच कर शहीद अंकित के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए और इस बहादुर बेटे की शहादत पर नमन किया.
अंकित के अंतिम संस्कार में भारी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे और इस दौरान अनेक राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोग भी शहीद जवान को नमन करने पहुंचे.
अंकित कुंडू 4 साल पहले सेना में भर्ती हुआ था और फिलहाल लद्दाख में उनकी तैनाती थी. इसी साल फरवरी में प्रीति के साथ अंकित की शादी हुई थी और वह 5 माह की गर्भवती भी हैं. फरवरी में शादी के बाद अंकित वापस मार्च में ड्यूटी पर चला गया था और उसे वहीं जाकर पता चला कि उसकी पत्नी गर्भवती है. उसने अपनी पत्नी से कहा था कि वह बच्चा पैदा होने पर ही गांव में आएंगे, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.
अचानक से इस हादसे ने प्रीति और अंकित के परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया. 3 साल पहले अंकित के पिता की भी मौत हो चुकी है. छोटा भाई खेती-बाड़ी का काम करता है और अब अंकित के शहीद होने के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है.
अंकित का पार्थिव शरीर आज दोपहर उसके पैतृक गांव गद्दी खेड़ी पहुंचा. यह जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से भारी संख्या में लोग उसे अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे. काफी संख्या में महिलाएं भी अपने लाडले को विदाई देने के लिए अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंची.
सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटे देश के बहादुर जवान की शहादत पर उन्हें सेल्यूट किया और हजारों लोगों ने नम आंखों से उसे अंतिम विदाई दी और भारत माता के जयकारे के साथ शहीद को नमन किया.
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