हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टायफस से एक और जान गई है. प्रदेश में इस बीमारी से दूसरी मौत हुई है. इससे पहली भी एक महिला की जान गई थी. शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में अब तक 102 लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं.
जानकारी के अनुसार, सोमवार को स्क्रब टायफस से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में महिला की मौत हो गई. 35 वर्षीय यह महिला सोलन के अर्की की रहने वाली थी. आईएमएमसी के सीनियर मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि स्क्रब टायफस से महिला की मौत हुई है. अब तक 528 मरीजों के टेस्ट जा चुके हैं. इनमें से 102 लोग स्क्रब टायफस से संक्रमित पाए गए हैं. इससे पहले भी अर्की क्षेत्र की एक महिला की मौत हो चुकी है.
बता दें कि अगस्त और सितंबर महीने में हर साल स्क्रब के मामलों में बढ़ोतरी होती है.
स्क्रब टाइफस की बीमारी कीड़े के काटने से होती है. थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा जब शरीर में प्रवेश करता है, तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और यहां कीट खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. अक्सर लोग जब घास काटने या खेतों में काम करने जाते हैं तो पैरों पर ये कीट उन्हें काटता है.
स्क्रब टाइफस के मरीज को तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में अकड़न और शरीर टूटने जैसी परेशानी पेश आती है. इन लक्षणों के सामने आने पर जल्दी अस्पताल में आकर लोगों को टेस्ट करवाना चाहिए. बचाव के लिए लोगों को घास और खेतों में जाने से बचना चाहिए. यदि जाना जरूरी है तो पूरी तन को पूरी तरह से ढक कर ही जाएं. हिमाचल में हर साल बड़ी संख्या में स्क्रब टाइफस के मामले सामने आते हैं.
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