नीमच में किसान को जरिया बनाकर करोड़ों के फर्जी लेनदेन का मामला सामने आया है. किसान का आईडीएफसी बैंक में अकाउंट है, लेकिन मंदसौर एचडीएफसी बैंक से उसके खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन होने का नोटिस पहुंच गया. उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई. मामले में पुलिस ने एचडीएफसी बैंक के डिप्टी मैनेजर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मामला मोरवन गांव के गोविंद लाल कछावा का है. जानकारी के मुताबिक बीते दिनों किसान गोविंद लाल के घर मंदसौर के एचडीएफसी बैंक से एक नोटिस पहुंचा. इसमें उसके खाते से करोड़ों रुपयों के लेनदेन की बात लिखी थी. नोटिस पढ़ते ही किसान के पैरों तले जमीन खिसक गई. उसने तुरंत सरवानिया पुलिस चौकी पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद थाना प्रभारी असलम पठान के नेतृत्व में मामले की गंभीरता से जांच की गई.
एडिशनल एसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया एचडीएफसी बैंक के डिप्टी मैनेजर ने एक किसान के खाते से लगभग 2 से 3 करोड़ रुपए का फर्जी ट्रांजेक्शन किया. उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर बड़े घोटाले को अंजाम देने की साजिश रची थी. किसान को लोन देने के नाम पर उसके दस्तावेज ले लिए. फिर उसका खाता खोला और करोड़ों रुपयों का लेनदेन किया. पुलिस ने मामले में मंदसौर एचडीएफसी बैंक के डिप्टी मैनेजर नरेंद्र राठौर, गोलू शर्मा, दिव्यांश और उदित को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक युवक को नीमच, एक को मंदसौर और दो को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है.
पीड़ित किसान ने बताया उसका खाता आईडीएफसी बैंक में है. यहां वह लोन लेने गया था और उसने आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज दिए थे. इनमें दो चेक भी शामिल थे. इनमें से एक चेक का इस्तेमाल एचडीएफसी में नया खाता खोलने के लिए किया गया और उसके खाते से 10 हजार रुपए उड़ा दिए गए. जब शिकायत की तो बैंक कर्मचारियों ने कहा रुपए वापस आ जाएंगे. उसके बाद बैंक टीम किसान के घर निरीक्षण करने पहुंची थी. किसान को लगा कि यह सब लोन मिलने से पहले की प्रक्रिया है. लेकिन नोटिस मिलने के बाद मामले का खुलासा हो गया. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. मामले में अन्य लोगों के साथ भी धोखाधड़ी का खुलासा होने की संभावना है.
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