दौसा में कबड्डी के फाइनल मुकाबले में मिली हार से नाराज खिलाड़ी हाईटेंशन लाइन के टावर पोल पर चढ़ गए। रेफरी पर गलत निर्णय करने का आरोप खिलाड़ियों ने लगाया। राजीव गांधी ओलंपिक खेल ग्रामीण प्रतिभा को निखारने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने शुरू किए हैं। लेकिन इन ओलंपिक खेलों में शिकायतें और खेल को खेल की भावना से नहीं खेलने के भी कुछ मामले सामने आ रहे हैं। जब दो टीमें या कुछ खिलाड़ी आमने सामने खेलते हैं तो निश्चित रूप से एक टीम के खिलाड़ी का हारना तय होता है। खेल में हार और जीत दोनों ही तय होती है। खेल में एक टीम विजेता होती है और दूसरी हारी हुई या उपविजेता कहलाती है।
दौसा की नांगल राजावतान में ग्राम पंचायत मानपुरिया के कोठया में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ओलंपिक खेल का मंगलवार को कबड्डी खेल का फाइनल मुकाबला आलूदा बनाम छारेड़ा टीम के बीच हुआ। जहां मुकाबले में छारेड़ा टीम की हार के बाद टीम के दो नाराज खिलाड़ी हाईटेंशन लाइन के पोल पर चढ़ गए और मैच के रेफरी पर गलत निर्णय का आरोप लगाते हुए पोल पर चढ़कर विरोध करने लगे, जिससे स्थानीय प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। सूचना पर स्थानीय प्रशासन सहित पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कर नाराज खिलाड़ियों की समझाइश की। समझाइश का दौर करीब एक घंटे तक चला।
प्रशासन की समझाइश पर हाईटेंशन लाइन के पोल से उन्हें पुलिस ने नीचे उतारा। छारेड़ा टीम के कप्तान का कहना है कि हमारा एक खिलाड़ी आलूदा टीम की तरफ वेडिंग करने गया, जिसने तीन प्लेयर को आउट किया। लेकिन मैच में अंपायर ने गलत निर्णय लिया। इस बात पर गुस्साए छात्रों में से एक खिलाड़ी और समर्थक पोल पर चढ़ गए। इस मामले में नांगल राजावतान के एसडीएम मोहर सिंह और थानाधिकारी हनुमान सहाय मीणा से जानकारी लेनी चाही, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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