केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आज दौसा के दौरे पर है इस दौरान उन्होंने मीडिया से सर्किट हाउस में वार्ता की। मीडिया से उन्होंने बताया कि ईआरसीपी को लेकर 13 जिलों के लोगों के साथ दौसा जिले के कंठ आज भी प्यासे हैं। जल जीवन मिशन जो हमने घोषित किया दोसा क्षेत्र मैं कल जिला कलेक्टर से बात की इस क्षेत्र में भी जो पेयजल की योजनाएं बनी हुई है वह सफल तब ही हो सकती है जब यहां पर ईआरसीपी की परियोजना पूरी होकर इस लिंक से पानी आ सके। लेकिन दुर्भाग्य से क्योंकि राजस्थान की सरकार को इसमें 13 जिलों के लोगों को पीने का पानी व सिंचाई का पानी देने की बजाय इस विषय को राजनीति का लाभ उठाना था निरंतर इस योजना पर है हठधर्मिता का रवैया बना रखा है। एक नया सफुल्का का लेकर आए। मध्य प्रदेश इस पर पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुका है। मध्यप्रदेश इस वाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में खड़ा है। राजस्थान सरकार ने एक परियोजना बनाई ईसरदा लवनेरा ईसर्दा बिसलपुर लीक बनाया। सरकार ईआरसीपी का प्रोजेक्ट में शामिल होती तो उन्हें 10% ही देने पड़ता और 90% केंद्र सरकार देती जिसमें भी 5% मध्य प्रदेश की भागीदारी होती। इस तरह से प्रोजेक्ट में जो राज सरकार बना रही है उस प्रोजेक्ट से भी 5 गुना अधिक पानी मिलता। लेकर राजस्थान सरकार इसमें राजनीति कर रही है जिसके चलते 13 जिलों के जनता के करंट सूखे हुए हैं। ईआरसीपी के लिए जो राजनीति हो रही है इसकी दोषी और पापी और कोई नहीं गहलोत सरकार और सिर्फ अशोक गहलोत हैं। ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय मंत्री ने सरकार को जमकर गिरा। इस अवसर पर दोसा सांसद जसकौर मीणा, जिला अध्यक्ष डॉ पी डी शर्मा ,पूर्व जिलाध्यक्ष रतन तिवारी, प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर सहित कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।